गत रविवार सुबह साढ़े पांच बजे यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी टनल में भारी भूस्खलन हुआ था। जिससे सुरंग निर्माण में लगे 40 मजदूर फंसे हुए हैं। तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि बुधवार तक मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए राहत एवं बचाव कार्य मंगलवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। सोमवार की रात को ही हरिद्वार से ट्रकों में लदे 900 एमएम के आयरन पाइप पहुंच गए।
मंगलवार सुबह ड्रिलिंग के लिए देहरादून से ऑगर मशीन भी साइट पर पहुंच गई। दोपहर में मशीन के लिए प्लेटफार्म तैयार करने का काम शुरू हुआ और देर शाम को सुरंग में ड्रिलिंग के जरिए पाइप डालने का काम शुरू हो गया है।
तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि बुधवार तक मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
गत रविवार सुबह साढ़े पांच बजे यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी टनल में भारी भूस्खलन हुआ था। जिससे सुरंग निर्माण में लगे 40 मजदूर फंसे हुए हैं। उन्हें बाहर निकालने के लिए विभिन्न एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
सुरंग में पहले जेसीबी से मलबा हटाने का काम किया जा रहा था, लेकिन लगातार गिरते मलबे के कारण इसमें सफलता नहीं मिल पा रही थी। इसके बाद देहरादून से ऑगर मशीन मंगवाने और आयरन पाइप डालकर रास्ता तैयार करने का निर्णय लिया गया।
राहत एवं बचाव कार्य में समन्वय बनाने का काम देख रहे मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि बचाव अभियान जोरों पर चल रहा है। जल्द इसमें सफलता मिलने की उम्मीद है।
24 से 36 घंटे में ऑपरेशन पूरा करने का लक्ष्य
उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू और बड़कोट के मध्य सिलक्यारा के समीप निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद मंगलवार देर शाम फंसे लोगों को निकालने के लिए बोरिंग के साथ पाइप डालने का काम शुरू कर दिया गया, लेकिन बार-बार मलबा गिरने से बोरिंग में दिक्कत आ रही है।
शासन के अधिकारियों का दावा है कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो अगले 24 से 36 घंटे में सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकाल दिया जाएगा।
सचिवालय में मीडिया से मुखातिब सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सिलक्यारा में सुरंग में उपकरणों व संसाधनों से मलबे को युद्धस्तर पर हटाया जा रहा है।