उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
पिछले दो दिनों में प्रदेश के पर्वतीय इलाकों में हुई बर्फबारी और बारिश के बाद तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र ने हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर को छोड़कर बाकी सभी जिलों के लिए 11 और 12 दिसंबर को पाला पड़ने का येलो अलर्ट जारी किया है. इन जिलों में शीतलहर के कारण ठिठुरन बढ़ने के आसार हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, 13 दिसंबर के बाद प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहने की संभावना है. हालांकि, इसके पहले ठंड का असर अधिक रहेगा।
मंगलवार को राजधानी देहरादून में अधिकतम तापमान 21.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री कम है।
वहीं, न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री की गिरावट आई और यह 5.6 डिग्री पर दर्ज हुआ. बुधवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।
बर्फबारी और बारिश ने बढ़ाई ठंड
पिछले दो दिनों में पर्वतीय क्षेत्रों में हुई बर्फबारी और बारिश ने ठंड का स्तर और बढ़ा दिया है. खासकर चमोली, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड का असर अधिक महसूस किया जा रहा है।
इन जिलों में सड़कों और खुले स्थानों पर पाला जमने से आवागमन में दिक्कतें भी हो सकती हैं. मौसम विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों में फिलहाल पाला पड़ने की संभावना नहीं है. इन क्षेत्रों में तापमान अपेक्षाकृत स्थिर रहने की संभावना है, लेकिन ठंडी हवाओं के चलते यहां भी लोगों को ठिठुरन का सामना करना पड़ सकता है।
पाले के कारण फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को ठंड से बचाने के लिए आवश्यक उपाय करें. फसलों पर हल्की सिंचाई और मल्चिंग का उपयोग पाले से बचाव के लिए कारगर हो सकता है।
ठंड से बचने के लिए मौसम विभाग ने लोगों को पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने, हीटर या अंगीठी का उपयोग करने और अत्यधिक ठंडी जगहों से बचने की सलाह दी है।
सुबह और रात के समय वाहन चलाते समय सतर्कता बरतने की अपील की गई है, क्योंकि पाला जमने से सड़कों पर फिसलन बढ़ सकती है।