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हरिद्वार। हरकी पैड़ी पर जून और जुलाई के दौरान 45 दिनों तक श्रद्धालुओं को गंगा में स्नान के लिए आधा जल मिलेगा। यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 45 दिन तक हरकी पैड़ी पर आधा जल पहुंचेगा।

भागीरथी नदी का जल रोक जाने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में आंशिक रूप से 30 फीसदी तक सिंचाई के कार्य प्रभावित होने की संभावना है। टिहरी बांध पर विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए भागीरथी नदी की आधी धारा को एक जून से रोक दिया जाएगा।

इधर गंगनहर से यूपी की ओर जाने वाला पानी भी कम होने का अनुमान है। गंगनहर में 12 हजार क्यूसेक पानी से घटकर जलस्तर छह हजार क्यूसेक पर आ सकता है।

टिहरी बांध पर विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए एक जून से निर्माण कार्य शुरू होंगे। वर्तमान में टिहरी बांध पर 1400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।

टिहरी बांध पर बिजली उत्पादन की क्षमता 1000 मेगावाट बढ़ाने की योजना है। इसके लिए टिहरी बांध पर जलाशय का निर्माण किया जाएगा। भागीरथी नदी के जल की धारा को जलाशय पर रोक कर जल का संग्रह किया जाएगा।

टिहरी बांध पर नए जलाशय का निर्माण पूरा होने के बाद बांध से 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। इससे हरकी पैड़ी पर आधा गंगाजल ही उपलब्ध रहेगा।

इस कारण हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं को गंगा स्नान, अस्थि विसर्जन और अन्य कर्म कांड के लिए दिक्कतें उठानी पड़ेंगी।

तीर्थ पुरोहित और जोतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी का कहना है कि हरकी पैड़ी पर स्नान की दिक्कत रहेगी। श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने भी अधिकारियों से जल का प्रवाह बनाए रखने की मांग की है।

बांध के निर्माण पर भी रोका था जल
टीएचडीसी ने टिहरी बांध का निर्माण वर्ष 2006 में पूरा किया था। बांध की ऊंचाई 261 मीटर और लंबाई 575 मीटर है। तत्कालीन समय में भी बांध पर भागीरथी नदी का जल रोक दिया गया था।

हरकी पैड़ी पर जल कम नहीं होने का दावा
यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारियों का दावा है की टिहरी बांध पर कार्य चलने के दौरान हरकी पैड़ी पर पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध रहेगा। हरकी पैड़ी पर जल का स्तर कम नहीं होगा लेकिन अधिकारी आंशिक रूप से पश्चिमी यूपी में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता 30 फीसदी तक कम होने की संभावना जता रहे हैं।

एक जून से टिहरी बांध पर विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कार्य शुरू होंगे। 45 दिनों में कार्य पूरा होने की उम्मीद है। इस दौरान भागीरथी नदी का जल टिहरी बांध पर रोका जाएगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सिंचाई के लिए 30 फीसदी तक जल की उपलब्धता कम होने की संभावना है।

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