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 ड्राइवर के कंधों पर थी परिवार को संभालने की जिम्मेदारी

अल्मोड़ा। लमगड़ा में हुई कार दुर्घटना में एक साथ तीन परिवारों की खुशियां छिन गईं। चालक प्रेम कुमार की मौत से तीन मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है।

रजनी की सगी मौसी थी। तीनों की मौत से उनके घर में कोहराम मचा है।
जानकारी के मुताबिक कुमौड़ निवासी सुनीता देवी का मायका खटीमा में है। कुछ दिन पहले उनके पिता की मौत हो गई थी। वह अपने पति रवि लाल, बेटे आरुष के साथ मायके गई थी।

बीते शुक्रवार को वह मायके से बेटे आरुष और बीसाबजेड़ निवासी बहन की बेटी रजनी और रजनी के भाई आशीष के साथ बीसाबजेड़ के रहने वाले चालक प्रेम कुमार की टैक्सी में पिथौरागढ़ के लिए रवाना हुई।

सुनीता के पति रवि लाल खटीमा में ही रुक गए थे। हादसे के बाद रवि लाल का रो-रोकर बुरा हाल है। वह पिथौरागढ़ में व्यवसाय करते हैं।
मायके वालों के साथ पिता की मौत का दुख बांटकर वह घर को निकली। टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे बंद होने से उसे वाया अल्मोड़ा लौटना पड़ा।

उसे यह मालूम नहीं था कि रास्ते में एक भयानक हादसा उनका इंतजार कर रहा है।

कार अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई और सुनीता देवी, उसकी बहन की बेटी रजनी के साथ ही चालक प्रेम कुमार काल के गाल में समा गए।

इस घटना में एक बेटे और मां जबकि भाई और बहन का साथ हमेशा के लिए छूट गया। सुनीता की मौत से बेटे और पति का रो रोकर बुरा हाल है।

वहीं बहन को खो चुके अस्पताल में उपचार करा रहे भाई के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक घटना ने चालक सहित तीन परिवारों की खुशियां हमेशा के लिए छीन लीं। संवाद

 लमगड़ा कार हादसे के मृतक बीसाबजेड़ निवासी चालक प्रेम कुमार की मौत से परिजनों में कोहराम मचा है। प्रेम कुमार (35) के घर में उसके दिव्यांग पिता हरि राम, मां, पत्नी और तीन छोटे बच्चे हैं।
प्रधान सरोज चंद ने बताया कि उसके तीसरे बच्चे का एक माह पूर्व ही जन्म हुआ है। प्रेम कुमार के पास अपना वाहन भी है। वह किसी अन्य की कार लेकर बुकिंग में टनकपुर गया था।
शुक्रवार को वह यात्रियों को लेकर वाया लमगड़ा घर आ रहा था। रात 10.30 बजे हादसा हो गया।

हादसे की सूचना मिलने पर प्रेम कुमार का भाई मोहन राम, राजेंद्र राम, नंदन प्रसाद आदि सुबह घटनास्थल की ओर रवाना हुए। प्रधान सरोज चंद ने बताया कि प्रेम कुमार के कंधों पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी। वह काफी व्यवहारकुशल भी था।

प्रधान चंद ने प्रशासन से पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता किए जाने की मांग की है।

सड़क बंद होने से परिजनों के लिए अल्मोड़ा पहुंचना हुआ चुनौतीपूर्ण
घटना की सूचना मिलने के बाद चालक सहित अन्य मृतकों के परिजन अल्मोड़ा के लिए रवाना तो हुए लेकिन पिथौरागढ़-घाट हाईवे बंद होने से उनके लिए अल्मोड़ा पहुंचना चुनौती बना।

परिजन सुबह ही घर से रवाना हुए लेकिन थरकोट, मटेला में सड़क बंद होने से वे आगे नहीं बढ़ सके। चार घंटे इंतजार के बाद किसी तरह 11 बजे सड़क खुली तो वे अल्मोड़ा के लिए रवाना हुए।

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