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कैलाश मानसरोवर यात्रा, जिसे हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है, हर साल हजारों श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है।

यह यात्रा एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव है। कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। यदि आप भी इस पवित्र यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो आपको इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

इस लेख में हम कैलाश मानसरोवर यात्रा के पूरे प्रोसेस के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ताकि आप जान सकें कि इस यात्रा के लिए कैसे तैयार होना चाहिए।

कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति कैलाश पर्वत के चारों ओर परिक्रमा करता है और मानसरोवर झील में स्नान करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

कैलाश पर्वत की यात्रा करने का सपना हर भक्त का होता है लेकिन यह यात्रा काफी कठिन और चुनौतीपूर्ण होती है। इसलिए, इसके लिए पूरी तैयारी करना बहुत जरूरी है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा का मार्ग

लिपुलेख मार्ग: यह मार्ग भारत के उत्तराखंड राज्य से होकर जाता है और लिपुलेख दर्रा के रास्ते तिब्बत के कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक पहुंचता है। इस मार्ग से यात्रा करने के लिए भारतीय सरकार के द्वारा हरी झंडी दी जाती है और यात्रा पूरी तरह से नियंत्रित होती है।

नेपाली मार्ग: यह मार्ग नेपाल से होकर कैलाश तक जाता है और इसमें थोड़ा समय लगता है। यह मार्ग भी एक लोकप्रिय मार्ग है लेकिन यहां भी यात्रा की सभी व्यवस्थाएं नेपाल सरकार और भारतीय सरकार द्वारा की जाती हैं।

स्वास्थ्य जांच और फिटनेस कैलाश मानसरोवर यात्रा एक शारीरिक रूप से कठिन यात्रा है क्योंकि यात्रा के दौरान आपको ऊंचाई पर चढ़ाई करनी होती है और माइनस तापमान का सामना करना पड़ता है। इसलिए, शारीरिक फिटनेस पर ध्यान देना जरूरी है।

यात्रा पर जाने से पहले आपको अपनी सेहत का परीक्षण कराना होगा। खासकर, हृदय, रक्तचाप और श्वसन संबंधी समस्याओं की जांच करानी चाहिए। डॉक्टर से सलाह लेकर आपको यात्रा के लिए पूरी तरह से फिट होना चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज

पासपोर्ट: यात्रा के दौरान आपको चीन में प्रवेश करने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता होगी। स्वास्थ्य प्रमाणपत्र: भारतीय सरकार के द्वारा एक स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जरूरी होता है, जिसमें आपकी यात्रा के लिए फिटनेस की जानकारी दी जाती है। वीजा: यात्रा के लिए आपको चीन का वीजा प्राप्त करना होता है, जो भारतीय यात्रा एजेंसियों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

यात्रा का समय कैलाश मानसरोवर यात्रा मुख्य रूप से मई से सितंबर तक आयोजित की जाती है, जब मौसम थोड़ा सामान्य और ठंडा रहता है। इसके बाद का समय बहुत ठंडा और बर्फबारी वाला हो सकता है, जिससे यात्रा करना कठिन हो जाता है। इसलिए, सबसे उपयुक्त समय मई से सितंबर तक का ही होता है।

पैकिंग और आवश्यक सामान

ऊंचाई पर शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि सिरदर्द, उल्टी आदि। इसलिए, आप अपने साथ सिरदर्द, बुखार और अन्य सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए दवाइयां रखें।

उच्च हिमालयी क्षेत्र में तापमान बेहद ठंडा हो सकता है, इसलिए आपको गर्म कपड़े, दस्ताने, मफलर, टोपी आदि की आवश्यकता होगी।

यात्रा के दौरान खाने के लिए सूखा भोजन, पानी की बोतल और स्नैक्स आदि अपने साथ रखें।

चढ़ाई के दौरान आरामदायक जूते और ट्रैकिंग पोल की जरूरत पड़ सकती है।

यात्रा योजनाएं और अनुमति भारत सरकार कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए एक नियमित यात्रा योजना चलाती है। इस योजना के तहत भारतीय नागरिकों को नेपाल के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा करने की अनुमति मिलती है। सरकार द्वारा चयनित यात्रा एजेंसियां यात्रा के सभी विवरणों और व्यवस्थाओं का प्रबंधन करती हैं। इन एजेंसियों से यात्रा की बुकिंग, वीज़ा प्रक्रिया, ट्रांसपोर्ट, आवास आदि की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

सबसे पहले आपको कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए आप संबंधित यात्रा एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं या सरकारी वेबसाइट पर पंजीकरण कर सकते हैं।

स्वास्थ्य परीक्षण: पंजीकरण के बाद आपको अपनी सेहत की जांच करानी होगी और एक मेडिकल प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा, जिसमें आपकी यात्रा के लिए फिटनेस का उल्लेख हो।

यात्रा मार्ग और ट्रांसपोर्ट: यात्रा के दौरान आपको नेपाल या उत्तराखंड से यात्रा शुरू करनी होगी। वहां से, यात्रा एजेंसी की मदद से आप कैलाश पर्वत तक पहुंचने के लिए ट्रांसपोर्ट और गाइड प्राप्त करेंगे।

यात्रा का समापन: यात्रा के अंतिम चरण में, आप कैलाश पर्वत के आसपास परिक्रमा करते हुए वापसी यात्रा करेंगे। इस दौरान, आपको धार्मिक अनुष्ठान और आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा।

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