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बैंगलोर। कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर के प्रसिद्ध रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च 2024 को धमाका हुआ था। राजाजीनगर में मौजूद इस कैफे में ब्लास्ट केस में कई लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं, मुख्य संदिग्ध भी अरेस्ट हो चुका है।

अब जांच में इस ब्लास्ट के तार उत्तर प्रदेश से जुड़ते नज़र आ रहे हैं, क्योंकि विस्फोट के फ़ौरन बाद एक मजहबी केंद्र से जुड़ा मौलाना बेंगलुरु से बरेली चला आया था, वो अब विदेश जाने की फ़िराक़ में था। इस पूरे मामले पर नजर रख रही NIA ने मौलाना को अरेस्ट कर लिया।

रिपोर्ट के अनुसार, ये मामला बरेली के भोजीपुरा थाना इलाके में मौजूद धौराटांडा की मस्जिद से संबंधित है, जहाँ से NIA ने एक मौलाना को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

लगभग 9 घंटों तक NIA ने मौलाना से पूछताछ की। बताया जा रहा है कि मौलाना विदेश जाने की फ़िराक़ में था और वो बेंगलुरु ब्लास्ट के फ़ौरन बाद ही बरेली आ गया था। इस सब तारों को जोड़ते हुए NIA की लखनऊ यूनिट लगातार बरेली पर नजर रखे हुए थी और बीते तीन दिनों से ट्रैक करते हुए मौलाना के घर दबिश देने जा पहुँची।

रिपोर्ट्स के अनुसार, बरेली में बुधवार (27 मार्च 2024) की सुबह ही NIA की टीम स्थानीय पुलिस और नायब तहसीलदार को लेकर मौलाना के घर पहुँच गई, मगर वो घर पर नहीं मिला। इसके बाद मौलाना के पिता को लेकर ये टीम एक मस्जिद पहुँची और वहाँ से मौलाना को पकड़ा गया।

हालाँकि, NIA ने मौलाना को ये हिदायत दी है कि वो भागने की कोशिश न करे और जाँच में शामिल हो। भोजीपुरा थाने के इंस्पेक्टर जगत सिंह ने इस पूरी कार्रवाई की पुष्टि की है।

बता दें कि, NIA की टीम बीते 3 दिनों से इलाके में डेरा डाले हुए थी। मौलाना के बारे में पहले पूरी छानबीन की गई। मौलाना के घर में ही होने की पुष्टि के बाद टीम ने दबिश दी। टीम ने मौलाना का मोबाइल फोन और आवश्यक कागज़ात कब्जे में लिए है।

मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स खंगाली जा रही है। सूत्रों की मानें तो पासपोर्ट जब्त कर मौलाना के विदेश जाने पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं, NIA ने बेंगलुरु में भी दो लोगों को पकड़ा है। बेंगलुरु ब्लास्ट का मास्टरमाइंड मुसावीर हुसैन शाज़िब और अब्दुल माथेरन तीर्थहल्ली शिवमोग्गा कर्नाटक के निवासी हैं।

दोनों पहले कर्नाटक में हुई एक आतंकी घटना में शामिल रहे हैं और NIA ने इन दोनों पर 3-3 लाख का इनाम रखा हुआ था। लेकिन, कर्नाटक में दोनों आराम से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे थे। ये दोनों आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के लिए काम करते हैं।

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