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रिपोर्टर बलवंत सिंह रावत 

रानीखेत। पर्वतीय कृषक बागवान उद्यमी संगठन के सचिव दीपक करगेती ने रूद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ में किसानों को चार वर्ष पूर्व नींबू के पौधों के स्थान पर जम्भीरी के पौधे देकर किसानों के साथ जालसाजी का गंभीर प्रकरण सामने आया था।

जिसके बाद मंत्री ने गलत पौधे देने वाली संजीवनी नर्सरी पर मुकदमे के आदेश दिए, लेकिन मिशन निदेशक ने संजीवनी नर्सरी के ही पौधे कर दिए सबसे पहले आवंटित। उसी क्रम मे आज रानीखेत के अल्का होटल मे पत्रकारो के साथ एक प्रेस वार्ता कर जानकारी दी।

बता दे कि बीते दिनों देहरादून स्थित संजीवनी नर्सरी, सोरना, डोबरी विलेज, रुद्रपुर चौक देहरादून द्वारा रूद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ जिले में किसानों को चार वर्ष पूर्व नींबू के पौधों के स्थान पर जम्भीरी के पौधे देकर किसान के साथ जालसाजी का गंभीर प्रकरण सामने आया था।

जिसकी पुष्टि रुद्रप्रयाग जिले के तत्कालीन मुख्य उद्यान अधिकारी ने निदेशालय को अपने लिखे पत्र में की थी और संजीवनी नर्सरी पर उचित कार्यवाही की मांग की थी।

वही महीनों तक जब उद्यान अधिकारी के पत्र पर निदेशालय स्तर से कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पर्वतीय कृषक कृषि बागवानी और उद्यमी संगठन ने इस विषय को गंभीरता से उठाया था और उद्यान मंत्री गणेश जोशी से ऊखीमठ के पीड़ित किसान मानवेंद्र सिंह को तथा अन्य किसानों के साथ संजीवनी नर्सरी द्वारा ठगी की गई है।

उन्हें नर्सरी स्वामी से उचित मुआवजा दिलवाने और संजीवनी नर्सरी पर ठोस कार्यवाही नर्सरी एक्ट के तहत करने की मांग की थी।

संगठन द्वारा विषय उठाए जाने के बाद मंत्री द्वारा 24 दिसंबर 2024 को अपने पत्रांक संख्या 15645 के माध्यम से सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण अनुभाग उत्तराखंड शासन को आदेश जारी किया कि संजीवनी नर्सरी पर यथाशीघ्र नर्सरी एक्ट के तहत मुकदमा किया जाए तथा नर्सरी को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) करते हुए संबंधित नर्सरी से अविलंब आवश्यक कार्यवाही करें।

पर्वतीय कृषक कृषि बागवानी और उद्यमी संगठन के सचिव दीपक करगेती ने बताया कि मंत्री को आदेश जारी किए हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ था कि मिशन निदेशक महेंद्र पाल ने बागवानी मिशन योजनांतर्गत 2024-25 के तहत 07 जनवरी 2025 में अपने पत्रों के माध्यम से लगभग सभी जिलों के लिए संजीवनी नर्सरी फल पौध आवंटित कर दिए।

उन्होने कहा कि इससे स्पष्ट है कि मिशन निदेशक महेंद्र पाल उद्यान मंत्री के आदेशों की कोई परवाह नहीं करते हैं, उनके लिए मानो उद्यान मंत्री का कोई पद उत्तराखंड में है ही नहीं। उत्तराखंड में फल पौध खरीद में हुए करोड़ों के घोटाले की सीबीआई जांच पहले से गतिमान है।

उसके बाद भी मिशन निदेशक द्वारा मंत्री के आदेशों को न मानकर अपनी तानाशाही करना यह दर्शाता है कि संजीवनी नर्सरी को विभाग में आला अधिकारियों का ही संरक्षण प्राप्त है और इन आला अधिकारियों के आगे मंत्री भी मूक दर्शक बने घूम रहे हैं और किसानों को गुमराह करने के लिए झूठे आदेश समाचार चैनलों और समाचार पत्रों को दिखा रहे हैं।

संगठन के सचिव दीपक करगेती ने कहा कि हमने विभाग से पूर्णतः भ्रष्टाचार खत्म करने का संकल्प लिया है मिशन निदेशक और आला अधिकारियों द्वारा मंत्री के आदेशों की अवेहलना किए जाने की जांच हेतु संगठन पुनः मा. न्यायालय जायेगा और किसानों को न्याय दिलवाएगा।

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