रुद्रप्रयाग। चारधाम आने वाले तीर्थ यात्रियों को अगले यात्रा सीजन रुद्रप्रयाग नगर में लगने वाले जाम से नहीं जूझना पड़ेगा। वे नगर में प्रवेश किए बिना बाईपास के जरिये सीधे बदरीनाथ हाईवे पर पहुंच जाएंगे।
इसके लिए रुद्रप्रयाग बाईपास योजना के दूसरे चरण में 900 मीटर लंबी सुरंग बनकर तैयार हो गई है, जबकि अलकनंदा नदी पर 200 मीटर लंबा पुल निर्माणाधीन है।
पहले चरण जवाड़ी से केदारनाथ हाईवे पर लोनिवि कालोनी तक बाईपास तैयार हो चुका है। अब यहीं से सुरंग के जरिये इसे बदरीनाथ हाईवे से जोड़ा जा रहा है।
यात्रा सीजन के दौरान बदरीनाथ व केदारनाथ धाम जाने वाले तीर्थ यात्रियों को रुद्रप्रयाग नगर में घंटों जाम से जूझना पड़ता है। इसी को देखते हुए रुद्रप्रयगा बाईपास का निर्माण हो रहा है। इसके तहत लगभग 239 करोड़ की लागत से केदारनाथ हाईवे पर जागतोली से बेलनी में पोखरी मोटर मार्ग तक 900 मीटर लंबी सुरंग तैयार कर ली गई है और इसे बदरीनाथ हाईवे से जोड़ने के लिए अलकनंदा नदी पर 200 मीटर लंबे पुल का निर्माण अंतिम चरण में है। सुरंग से इमरजेंसी में वाहनों की आवाजाही भी शुरू हो गई है।
लोनिवि एनएच की कार्यदायी संस्था भारत कस्ट्रक्शन के एजीएम अश्विनी कुमार ठाकुर ने कहा कि एवेडमेंट निर्माण के बाद अलकनंदा नदी पर पुल निर्माण के दूसरे चरण का काम जारी है।
अप्रैल 2025 तक पुल बनकर तैयार हो जाएगा। साथ ही अगले यात्रा सीजन से सुरंग और पुल पर आवाजाही भी शुरू करा दी जाएगी। कहा कि अगले साल बदरी-केदार की यात्रा के लिए सुरंग और पुल पूरी तरह तैयार हो जाएंगे।
सुरंग और पुल बनने से आने वाली चारधाम यात्रा के लिए बदरीनाथ और केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को रुद्रप्रयाग नगर के जाम में नहीं फंसना पड़ेगा। साथ ही उन्हें केदारनाथ से बदरीनाथ और बदरीनाथ से केदारनाथ जाने के लिए रुद्रप्रयाग नगर के बीच नहीं आना पड़ेगा।
बाईपास से ही वह अपना रास्ता चुन सकेंगे। वहीं दूसरी और नगर के बीचों-बीच सामान के भारी वाहनों के साथ ही बड़ी-बड़ी मशीनों वाले वाहनों की आवाजाही से भी छुटकारा मिल जाएगा।
लोनिवि एनएच की कार्यदायी संस्था भारत कस्ट्रक्शन के एजीएम अश्विनी कुमार ठाकुर ने बताया कि अगली अप्रैल माह तक अलकनंदा में पुल का काम भी पूरा कर दिया जाएगा। साथ ही 2025 की यात्रा के लिए सुरंग और पुल से आवाजाही की सुविधा प्रदान कर दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि योजना पर तेजी से काम चल रहा है। एवेडमेंट के बाद पुल पर दूसरे चरण का काम जारी है। अगले साल बदरी-केदार की यात्रा के लिए सुरंग और पुल पूरी तरह तैयार हो जाएंगे।