रामनगर। कुमाऊं आय़ुक्त दीपक रावत ने मंगलवार को रामनगर के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र चुकम गांव का स्थलीय निरीक्षण किया।
उन्होंने स्थानीय लोगों से बाढ़ से होने वाले नुकसान और समस्याओं की विस्तृत जानकारी ली।
ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के सीजन में बाढ़ आने से खेतीबाड़ी के साथ जन-जीवन प्रभावित होता है। आवाजाही पूर्ण रूप से बंद हो जाती है।
जिस पर आयुक्त दीपक रावत कहा कि चुकम गांव में बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश क्रम में चुकम गांव के बाढ़ ग्रस्त इलाकों का जिला प्रशासन सर्वे कर रहा है।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने बताया कि चुकम गांव के एक छोर में नदी बहती है, जबकि दूसरे छोर में पहाड़ है। इस कारण गांव में बाढ़ की स्थिति बनी रहती है। साथ ही इससे स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है और खेती बाड़ी भी प्रभावित हो रही है।
बताया कि बाढ़ की रोकथाम के लिए सिंचाई विभाग ने आपदा प्रबंधन के तहत योजना बनाई है। जिसके तहत सुरक्षा दीवार, चेक डाम आदि को बनाया जाएगा ताकि बाढ़ का पानी गांव को प्रभावित नहीं कर सके। साथ ही पूर्व में प्रभावित लोगों को सरकार की विस्थापन नीति के तहत सरकारी भूमि आदि की सुविधा देने के लिए कार्यवाही की जा रही है।
दीपक रावत ने राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चुकम में पढ़ रहे बच्चों से वार्ता की और उनके स्वास्थ एवं सुंदर भविष्य की कामना की तथा शुभाशीष दिया।
इसके पश्चात आयुक्त दीपक रावत ने बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र सुन्दरखाल, रामनगर का स्थालीय निरीक्षण किया। जहां लगभग 500 परिवार निवासिन हैं। ग्रामीणों ने दीपक रावत से बिजली, पानी, रास्ता आदि की समस्याएं रखीं।
इसी दौरान ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि यहां मानसून काल में बाढ़ की समस्या भी रहती है, जिसके बचाव हेतू ग्रामीणों ने अन्यत्र स्थान पर विस्थापित करने की मांग रखी, इस संबंध में दीपक रावत ने ग्रामीणों से संयुक्त सहमति पत्र उपलब्ध कराने के लिए कहा ताकि विस्थापन मानकों के अधीन ससमय विस्थापन की कार्यवाही की जा सके।
उपजिलाधिकारी रामनगर राहुल शाह, मुख्य अभियंता सिंचाई संजय शुक्ला, हल्द्वानी, उप निदेशक अर्थ एवं संख्या राजेन्द्र तिवारी हल्द्वानी, तहसीलदार रामनगर, नायाब तहसीलदार दयाल मिश्रा, एसडीओ वन विभाग पुनम पैन्थोला आदि अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।