सोमवार से उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है। गंगा का उदगम स्थल गौमुख उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है। ऐसे में हरिद्वार से गंगा जल लेकर जाने का भी विशेष महत्व है।
इस वजह से हरिद्वार में कांवड़ियों का बड़ा मेला लगता है। कोई बवाल या बड़ी घटना ना होने पाए इसको लेकर सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम किए गए हैं।
कांवड़ मेले में एसपी स्तर से लेकर कांस्टेबल तक की ड्यूटी लगाई गई है। किसी भी तरह का सांप्रदायिक तनाव ना हो इसको लेकर पुलिसकर्मियों को खास दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
उत्तराखंड के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) (कानून-व्यवस्था) एपी अंशुमान ने शनिवार को मेले में नियुक्त पुलिसकर्मियों को संबोधित किया। उन्होंने मेले में नियुक्त विशेष पुलिस अधिकारियों और जवानों को फ्लोरसेंट जैकेट एवं कैप भी वितरित की।
उन्होंने कहा किसी भी प्रकार की अफवाह को फैलने से रोकने और दुर्घटना होने पर बिना पल गंवाए, अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करें। अधिकारियों के आने तक व्यवस्थाओं को सुचारू करने के प्रयास करें।
वहीं गढ़वाल परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) करन सिंह नगन्याल ने पुलिस बल को आसपास की सभी घटनाओं पर सतर्क नजर बनाए रखने के साथ ही ट्रैफिक प्लान को सुव्यवस्थित तरीके से लागू करने के निर्देश दिए।
आईजी (कानून व्यवस्था) कृष्ण कुमार वीके ने पुलिस बल को असमाजिक तत्वों के प्रति सचेत रहकर, धार्मिक भावनाएं भड़काने वाली संभावनाओं, डीजे में भड़काऊ गाने चलने के साथ ही सोशल मीडिया पर चल रही अफवाहों पर कड़ी नजर रखते हुए ड्यूटी करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने पुलिस बल को ड्यूटी स्थल के आसपास के सभी स्तरों के साथ आपस में चर्चा कर निर्णय लिए जाने की जरूरत बताई। वहीं एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल पुलिसकर्मियों को खुद को ताजा बनाए रखने के लिए वैकल्पिक तौर पर ओआरएस और नींबू का सेवन करने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि थकान भरी ड्यूटी के बीच आक्रोशित भावनाओं को काबू में रखना जरूरी है। छोटी घटनाएं कई बार बड़ा रूप ले लेती हैं, ऐसे में महत्वपूर्ण सूचना को तत्काल अपने सेक्टर के पुलिस ऑफिसर से साझा करें।
उत्तराखंड में भी कांवड़ यात्रा मार्ग पर मौजूद होटलों और रेस्टोरेंट मालिकों को अपने नाम के साथ बोर्ड लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि कांवड़ मार्ग पर मौजूद होटलों, ढाबों, रेस्तरां और रेहड़ी-पटरी वालों को अपनी दुकानों पर मालिक का नाम लिखने को कहा गया है।
ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मेला शांतिपूर्ण संपन्न हो। इसके लिए यह निर्णय लिया गया है।