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उत्तराखंड में जंगली जानवरों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे आम आदमी भयभीत है वह कई लोगों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा है।

बाघ व गुलदार के आतंक क बाद अब भालुओं ने भी आतंक मचाना शुरू कर दिया है पहाड़ में खेतों व जंगलों में काम कर रहे लोगों पर जंगली जानवरों के हमले आम गए हैं।

गोपेश्वर। चमोली जनपद में भालुओं का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तो भालू घरों के अंदर घुसकर खाद्य पदार्थ भी चट करने लगा है।

भालू प्रभावित स्यूंण गांव में पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों का ग्रामीणों ने विरोध किया और बैरंग वापस लौटाया।

ग्रामीणों ने कहा कि भालू को मारने का आदेश लेकर गांव पहुंचे तभी बात बनेगी। ग्रामीणों के विरोध के दौरान वन अधिकारी वन कानूनों का हवाला देने के बाद वापस लौट गए।

पोखरी विकासखंड के ताली गांव के सामाजिक कार्यकर्ता राकेश नेगी ने बताया कि बुधवार रात्रि को भालू गांव के मुकद्दर सिंह के रसोई घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसा और रसोई घर में रखी खाद्य सामाग्री को खाकर चट कर दिया है।

वहीं ग्राम देवर में भी भालू ने अखाडू लाल की गाय गांव के पास चुगते हुए मार डाली है। दशोली विकासखंड के ग्राम पंचायत स्यूंण गांव में अलग-अलग घटनाओं में भालू 12 से ज्यादा मवेशियों पर हमला कर चुका है।

ग्राम सभा राजबगठी के सिमली में राजेंद्र प्रसाद की गोशाला का दरवाजा तोड़कर भालू ने तीन मवेशियों को मार डाला है।

चारा-पत्ती लेने जंगल गई एक वृद्ध महिला पर भालू ने हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है।

गुरुवार शाम करीब चार बजे केदारघाटी के ग्राम तरसाली निवासी पूर्णी देवी (65 वर्ष), पत्नी धर्मानंद सेमवाल, जंगल में चारा लेने गई थी। इसी दौरान अचानक भालू ने उन पर हमला कर दिया। हमले में महिला के सिर व शरीर पर गंभीर चोटें आई हैं।

महिला की चीखें सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे, तब तक भालू जंगल की ओर भाग गया। ग्रामीणों ने घायल पूर्णी देवी को तत्काल स्वास्थ्य केंद्र फाटा पहुंचाया।

जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। भालू की बढ़ती गतिविधियों को लेकर गांव व आस-पास के क्षेत्र में भय और चिंता का माहौल बना हुआ है।

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