ब्रेकिंग न्यूज़
खबर शेयर करे -

देहरादून। कचहरी के शहीद स्‍थल पर मंगलवार को एक दूल्‍हे से धरना दिया और सरकार से गजब मांग कर दी. उसे एक हाथ में तिरंगा और दूसरे हाथ में पोस्‍टर था. इस पर मांगें लिखी हुईं थीं. दूल्‍हे को देखकर लोग हैरान रह गए।

दूल्‍हे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्‍य सरकार से उसकी मांगों को पूरी करने का आग्रह किया है. दरअसल, उत्तराखंड में लोग राज्य की जमीनों को बचाने के लिए ठोस भू कानून की माँग कर रहे हैं. इसको लेकर सामाजिक संगठनों के अलग-अलग गुट आंदोलन कर रहे हैं।

स्‍थानीय लोगों ने कहा कि उत्तराखंड में राज्य बनने के बाद बाहरी लोगों ने बेतहाशा जमीने ख़रीदी हैं. इससे स्थानीय लोग राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान के लिए बड़ा ख़तरा मान रहे हैं. हालांकि, लगातार आंदोलनों के बाद सरकार ने इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि मार्च में होने वाले विधानसभा के बजट सेशन में सरकार ठोस भू कानून का प्रस्ताव लाने जा रही है. इस बीच मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी 13 जिलों को उन लोगों को लिस्टेड करने के आदेश दिए हैं, जिन्होंने राज्य बनने के बाद नियम विरुद्ध तय मानक से अधिक जमीनें खरीदी हैं।

भू कानून संघर्ष समिति के लोग आंदोलनरत
कई जिलों में प्रशासन ने ऐसे भू माफियाओं को चिह्नित कर उनके खिलाफ एक्शन लेना भी शुरू कर दिया है. बावजूद इसके भू कानून संघर्ष समिति के लोग आंदोलनरत हैं. उनकी माँग है कि सरकार जब तक ठोस कानून लाती है, तब तक वो 2017 के बाद इस क़ानून में किए गए सभी संशोधनों को रद्द करे. दरअसल, 2017 में राज्य में त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने भू कानून में कई संशोधन किए।

मकसद था राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में उद्योग लगाने के लिए उद्योगपतियों को आकर्षित करना. इसके लिए सरकार ने जहाँ जमींन ख़रीद की लिमिट को समाप्त कर दिया, वहीं कृषि भूमि के उद्योग के लिए लिए जाने के मामले में लैंड यूज़ के बदलने की प्रक्रिया भी आसान कर दी. इसका भू माफियाओं ने जमकर दुरुपयोग किया और बीते सालों में उद्योग आदि के नाम पर बेतहाशा जमीने ख़रीद डाली।

इसी के विरोध में देहरादून के शहीद स्थल पर प्रदर्शनकारी प्रदर्शन कर रहे थे, जहाँ धरना स्थल पर अचानक एक दूल्हा भी आया. ये दूल्हा था पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक निवासी रिटायर्ड सूबेदार सुरेश पयाल. दरअसल दूल्‍हा किसी शादी में नहीं जा रहा था, वो जान-बूझकर दूल्हे के वेश में धरने पर पहुँचा था।

न्यूज़ 18 से बातचीत में पयाल ने बताया कि वो भू कानून के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से दूल्हा बनकर आया है. वह लोगों को कहना चाहता था कि उनका कितना भी जरूरी कोई काम हो, लेकिन उससे भी जरूरी ये है कि वो ठोस भू कानून की मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शनों में शामिल हों. ताकि राज्य की जमीने भी माफियाओं के हाथों में जाने से बच सकें. शेष काम बाद में भी हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें :  आज का राशिफल: 29 नवंबर 2024
error: Content is protected !!