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  • अंततः संयुक्त राष्ट्रों ने अपना मुह खोला !

  • हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक टीम बांग्लादेश जाएगी !

जिनेवा (स्विटजरलैंड) / ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश में हिन्दू विरोधी हिंसा को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने अंततः मोर्चा खोल दिया है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त की एक सर्वेक्षण में इस पर टिप्पणी की गयी है; किन्तु हिन्दुओं पर आक्रमण करने वाले कट्टर पंथी मुसलमान हैं ,के विषय को टाला गया है ।

सर्वेक्षण के अनुसार बांग्लादेश में १६ जुलाई से ४ अगस्त के बीच हुई हिंसा में ४०० लोग मारे गए थे, जबकि ५ तथा ६ अगस्त को हुई हिंसा में २५० से ज्यादा लोग मारे गए थे । सैकड़ों लोग घायल हो गए है । सैकड़ों परिवार निराश्रय हो गये है ।

संयुक्त राष्ट्र सर्वेक्षण में प्रस्तुत अन्य सूत्र !

१. १६ जुलाई से ११ अगस्त के मध्य छात्रों एवं युवाओं के आंदोलन के पश्चात भडकी हिंसा में ६५० से अधिक लोग मारे गए। मृतकों में अधिकांश अल्पसंख्यक हिन्दू हैं ।

२. देशभर के सभी चिकित्सालय रोगियों से भरे हुए हैं और चिकित्सालय में स्थान नहीं बचा है ।

३. मृतकों की सही संख्या ज्ञात नहीं है क्योंकि अधिकारियों ने चिकित्सालयों से जानकारी छुपा ली है।

४. रक्षा बलों ने अधिक बल प्रयोग किया ।

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हिंसा करने वालों, जिन लोगों के कारण हिंसा हुई, वे तथा जिनकी दायित्व शून्यता के कारण सैकड़ों लोगों के प्राण चले गए के विरोध में कार्यवाही की जानी चाहिए । प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए । हमारी एक टीम बांग्लादेश जाकर वहां के स्थिति का परीक्षण करेगी । यह टीम हिंसा की घटनाओं की जांच करेगी ।

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