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दिल्ली। लंबे समय से चल रहे नैनीताल बैंक कर्मियों और बैंक प्रबंधन के बीच गतिरोध में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया,जब कर्मचारी यूनियन की राष्ट्रीय स्तर की यूनियन आल इंडिया बैंक्स एम्पलॉइज एसोसिएशन के महामंत्री श्री वेंकटचलम ने कल 10 सितंबर को केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से नार्थ ब्लॉक दिल्ली स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की।

इसी क्रम में बातचीत के दौरान वेंकटचलम जी ने वर्तमान समय मे लंबे समय से चले आ रहे नैनीताल बैंक के मुद्दे पर वित्तमंत्री से विस्तार से चर्चा की।

चर्चा के दौरान उन्होंने वित्तमंत्री जी को कहा कि उत्तराखंड के प्रमुख वाणिज्यिक बैंक नैनीताल बैंक को यदि संभव हो तो शेयर अनुपात यथास्थिति बनाये रखें और अगर ऐसा मुमकिन न हो पाए तो कम से कम बैंक को बिना शर्त बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय या किसी अन्य राष्ट्रीयकृत बैंक में विलय किया जाए।

परंतु विनिवेश के सवाल पर उन्होंने साफ इंकार करते हुए कहा कि किसी भी सूरत में नैनीताल बैंक का विनिवेश निजी हाथों में नही किया जाएगा।

ऐसी किसी परिस्थिति आने पर राष्ट्रीय स्तर पर विरोध और हड़ताल इत्यादि की जाएगी।

गौरतलब है कि 1970 से बैंक ऑफ बरोदा नैनीताल बैंक का प्रबंधन संभालता आया है और पिछले कुछ वर्षों से बैंक के कुछ उच्चस्तरीय अधिकारी नैनीताल बैंक को निजी हाथों में बेचने का कुचक्र रच रहे है।

जिसके चलते नैनीताल बैंक स्टाफ एसोसिएशन एवं नैनीताल बैंक ऑफ़िसर्स एसोसिएशन मिलकर नैनीताल बैंक यूनाइटेड फोरम के बैनर तले इसका लंबे समय से विरोध कर रहे हैं।

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