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उत्तराखंड के जंगलों में आग की घटनाओं से वन विभाग को करोड़ों का नुकसान हुआ है, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण को भी काफी नुकसान हो रहा है। वन्य जीवों के साथ-साथ अमूल्य  वन संपदा भी जलकर राख हो गई है।

जिससे वन विभाग के साथ अन्य विभाग को भी आग बुझाने के  कार्य में लगाया गया ।

दो दिन पहले ही नैनीताल के जंगलों में आग बुझाने के लिए एम आई-17 हेलीकॉप्टरों का भी सहारा लेना पड़ा।

आज एनडीआरएफ को भी आग बुझाने की जिम्मेदारी सौंप गई है।

वही उत्तराखंड पुलिस आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के लिए  कुमाऊनी भाषा में पुलिस कर्मियों  द्वारा ग्रामीणों से संवाद स्थापित कर अपील की जा रही है।

उत्तराखंड पुलिस हर काम में उत्तराखंड की जनता के साथ कंधे से कंधा मिला हर काम में सहयोग करती है।

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वहीं आज बढ़ती आगजनी की घटना को लेकर पुलिस के जवान गांवों में जाकर ग्रामीणों को कुमाऊनी भाषा में अनाउंसमेंट कर आग के दुष्परिणाम और कार्रवाई के बारे में सूचना दी जा रही है, जिससेेे कि आग की घटनाओं को रोका जा सके।

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