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नैनीताल में मल्लीताल स्थित गोवर्धन कीर्तन हाल सेवा समिति में मद्भागवत महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है

रिपोर्टर – गुड्डू सिंह ठठोला 

नैनीताल। गोवर्धन कीर्तन हाॅल समिति भवन मल्लीताल नैनीताल में श्री मद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है । इस ज्ञान यज्ञ के आयोजक विनीत – बाला जी भोजनालय मल्लीताल नैनीताल के स्वामी श्री चन्द्रशेखर जोशी ( पप्पन जोशी) हैं।

 कथा के चौथे दिन 31 दिसम्बर 2023 को कथा वाचन से पूर्व मेरे द्वारा व्यास जोशी जी से व्यक्तिगत रूप से विस्तृत जानकारी प्राप्त कि गयी । इस ज्ञान यज्ञ को करने से क्या फल प्राप्त होते हैं, इस ज्ञान यज्ञ को करते समय किन किन नियमों का पालन करना पड़ता है, क्या क्या सावधानियां अपनाई जाती है।

इस ब्रत को सबसे पहले कब और किसने आरम्भ किया। इस श्रीमद्भागवत महापुराण पूजन में प्रतिदिन प्रातः व सायं काल को किस विधि के साथ पूजन किया जाता है। व्यास जी को ,आचार्य जी लोगों को व यजमान को किन किन नियमों का पालन करना पड़ता है ।

पूजन स्थल पर कौन कौन से यंत्र/ भद्र/ग्रहों आदि का‌ निर्माण किया जाता है।आचार्य भगवती प्रसाद जोशी जी ने विस्तार पूर्वक इन सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों की जानकारी मुझे दी ।

श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के आज चौथे दिन कि कथा का श्रीगणेश, गणपति वंदन के साथ आरम्भ हुआ। कथा व्यास आचार्य भगवती प्रसाद जोशी जी ने समुद्र मंथन,गज और ग्राह्य, दशावतार ,बामन अवतार मे दान वीर राजा बलि, त्रेता युग में सूर्य वंश कि तथा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कि कथा के गूढ़ रहस्यों कि जानकारी दी गई।

उन्होंने कहा कि लोग श्रीराम को क्यों पूजते हैं ,उन्हें क्यों मानते हैं ।उन्होंने कहा कि समाज में हमेशा त्याग करने वाला सबसे महान होता है, उन्होंने दो त्याग करने वाले राजाओं राजा हरिश्चन्द्र व श्री राम के त्याग पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्री राम ने बनवासी राम बनकर के जहां अहिल्या,केवट,जटायु,शबरी,बाली, सुग्रीव, विभिषण का उद्धार किया, उनका सम्मान किया।

तब जाकर वो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम कहलाये। अर्थात समाज ने हमेशा त्याग करने वाले का मिन-सम्मान किया जाता है। कथा में चन्द वंश के विषय में द्वापर युग के विषय में श्री कृष्ण का अवतार क्यों हुआ इस विषय पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया।

उन्होंने बताया कि पृथ्वी कि रक्षा का भार उतारने के लिए, यदुवंशियों की रक्षा करने के लिए श्री हरि ने श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया, और सभी श्रृद्धालुओं ने एक साथ मिलकर श्री कृष्ण जन्म महोत्सव को बड़े आनन्द के साथ मनाया।

इस ज्ञान यज्ञ को सफल बनाने में आचार्य श्री राजेन्द्र पाण्डे, ब्रह्म मण्डली में श्री रमेश काण्डपाल, घनश्याम तथा संगीत गायन , वादन में – श्री रमेश कोटिया ,( गायन), तबला वादन में श्री पवन जोशी,की बोर्ड में श्री मोहित बुडलाकोटी जी सहयोग प्राप्त हो रहा है।

आज मौसम के सुहावने होने से श्रृद्धालु भक्तो की बहुत भीड़ थी। कथा का वाचन प्रत्येक दिन 2बजे से 4 बजे तक किया जा रहा है। अवसर पर प्रोहित भागवत जोशी सहित लोक पारंपरिक कलाकार ब्रिज मोहन जोशी ,बिमल चौधरी आदि उपस्थित रहे।

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