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आंध्र प्रदेश। पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को अपराधिक जांच विभाग ने आज गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि उन्हें नंघाल में गिरफ्तार किया गया है। सड़कों पर टीडीपी के कार्यकर्ता जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी 350 करोड़ रुपये के राज्य कौशल विकास निगम घोटाले को लेकर ही हुई है।

पूर्व सीएम पर इन धाराओं में मुकदमा

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी, 166, 167, 418,465, 420, 468, 201 और 109 के साथ-साथ 34 और 37 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम- 1988 के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।

पूर्व सीएम पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप

कौशल विकास घोटाले के मामले में पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को आरोपी नंबर एक बताया गया है। उन पर भ्रष्टाचार और राज्य को हिलाकर रख देने वाले इस घोटाले में कैबिनेट को गुमराह करने का आरोप है। कौशल विकास निगम घोटाला में 371 करोड़ रुपये की चौंका देने वाली सरकारी रकम की हेराफेरी शामिल है। इस घोटाले ने पूरे आंध्र प्रदेश को सदमे में डाल दिया था। नायडू और मामले में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ लगाए गए आरोपों में अनुबंधों में हेरफेर करना, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करना और कौशल विकास निगम की आड़ में एक धोखाधड़ी योजना को अंजाम देना शामिल है।

क्या है कौशल विकास निगम घोटाला

राज्य कौशल विकास निगम की स्थापना 2016 में आंध्र प्रदेश में टीडीपी सरकार के दौरान की गई थी। इस योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके सशक्त बनाने पर केंद्रीत थी। इसमें 3,300 करोड़ रूपये घोटाला हुआ है। इसी को लेकर एपी सीआईडी ने मार्च में 3,300 करड़ के कथित घोटाले की जांच शुरू की। इसकी जांच भारतीय रेलवे यातायात सेवा के पूर्व अधिकारी अरजा श्रीकांत को जारी किए गए नोटिस के बाद शुरू की गई। बता दें कि अरजा श्रीकांत 2016 में एपीएसएसडीसी के सीईओ थे। इस योजना के तहत उद्योगों में काम करने के लिए युवाओं को जरूरी कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाना था। इसकी जिम्मेदारी एक कंपनी को सौंपी गई। इस योजना के लिए कुल 3300 करोड़ रुपये खर्च किए जाने थे और तत्कालीन नायडू सरकार ने एलान किया था कि राज्य सरकार 10 फीसदी यानी कुल 370 करोड़ रुपये खर्च करेगी। बाकी के 90 प्रतिशत खर्च कौशल विकास प्रशिक्षण देने वाली कंपनी सीमेन्स करेगी। आरोप है कि नायडू सरकार ने योजना में किए जाने वाली रकम 371 करोड़ रुपये शैल कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया। साथ ही पैसे ट्रांसफर करने से संबधित सभी डॉक्यूमेंट्स को भी नष्ट कर दिया गया।

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