दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा की मदद करने के आरोप में पुलिस ने परिवहन कर अधिकारी धारी की ब्लॉक प्रमुख, भीमताल के निवर्तमान चैयरमेन समेत चार लोगों को किया नामजद
हल्द्वानी। दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट में नामजद दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा की मदद करने के आरोप में पुलिस ने ऊधमसिंह नगर में तैनात परिवहन कर अधिकारी (टीटीओ), धारी की ब्लॉक प्रमुख, भीमताल के निवर्तमान चैयरमेन समेत चार लोगों को नामजद किया है।
उन पर अपराधी को संरक्षण देने का आरोप है। पुलिस कई बार टीटीओ को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है। फिलहाल वह पुलिस की निगरानी में है।
हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से मुकेश बोरा फरार है। एसएसपी के निर्देश पर एसओजी समेत पुलिस की कई टीमें बरेली, दिल्ली समेत अन्य संभावित क्षेत्रों में आरोपित की तलाश कर रही हैं, लेकिन पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं।
इधर पुलिस ने अल्मोड़ा से निकलने में उसे सहयोग करने वालों की गहन छानबीन की। 19 जुलाई की रात मुकेश बोरा के उत्तराखंड की सीमा से बाहर भागने की बात सामने आई।
यह भी पता चला कि परिवहन कर अधिकारी मल्ली दीनी पहाड़पानी (नैनीताल) निवासी नंदन राम आर्या ने टैक्सी बुक कराई थी। इतना ही नहीं व्हाट्सएप के माध्यम से बोरा तक पुलिस की जानकारी पहुंचाई।
पुलिस ने टीटीओ की पत्नी धारी की ब्लाक प्रमुख आशा रानी, भीमताल के निवर्तमान चेयरमैन देवेंद्र सिंह चनौतियां और अल्चाना चाफी नैनीताल निवासी सुरेंद्र सिंह परिहार ने भी सहयोग दिया।
ऐसे में पुलिस ने चारों के खिलाफ धारा 212 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने चारों आरोपितों को 35 (3) के नोटिस तामील कर विवेचना में सहयोग करने के निर्देश दिए है।
कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक हरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि बोरा को फरार होने में सहयोग करने वाले चार लोगों पर कार्रवाई कर नोटिस जारी किया गया है।
इधर पुलिस टीटीओ से पूछताछ कर रही है, उधर उन्होंने 21 सितंबर को स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देकर आरटीओ को छुट्टी का आवेदन भेज दिया है। उन्होंने 18 सितंबर से स्वास्थ्य सही होने तक छुट्टी मांगी है।
इसके साथ ही काशीपुर के एक सरकारी अस्पताल से बनाया गया मेडिकल भी लगाया है। हालांकि पुलिस ने मेडिकल की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, 19 सितंबर से ही टीटीओ पुलिस की निगरानी में हैं।
उनका फोन भी पुलिस ने साक्ष्य के लिए लिया हुआ है। ऐसे में उन्होंने छुट्टी का आवेदन कैसे किया। मेडिकल में वह बीमार बताए जा रहे हैं, जबकि सूत्रों का कहना है कि वह पुलिस की निगरानी में किसी तरह की दवा भी नहीं ले रहे हैं।
परिवहन कर अधिकारी नंदन प्रसाद ने मुकेश बोरा को भागने में मदद की। उसने पुलिस की सूचना भी बोरा को दी। इस कारण आरोपी का नाम पूर्व में दर्ज मुकदमे में शामिल कर दिया गया है।
उसके खिलाफ हार्बरिंग ऑफेंस (फरार आरोपी की मदद करना) के आरोप में कार्रवाई की गई है। मामले में तीन अन्य को भी नामजद किया गया है।