एक तस्कर ने तो तीन साल में ऊधमसिंह नगर में 30 किलो स्मैक की सप्लाई
छोटे तस्करों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने तीन सप्लायरों को दबोचा
ऊधमसिंह नगर। स्मैक की सप्लाई कर युवाओं के नसों में नशे का जहर घोलने वालों के नेटवर्क तक पहुंचने में पुलिस जुटी है। छोटे तस्करों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने तीन सप्लायरों को दबोचा और इनसे पुलिस को स्मैक के बड़े सप्लायर की जानकारी मिली है।
एक तस्कर ने तो तीन साल में 30 किलो स्मैक जिले में डिलीवर करने की बात स्वीकारी है। वह पहली बार ही उत्तराखंड पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा है।
दरअसल बरेली के फतेहगंज पश्चिमी स्मैक तस्करी का बड़ा गढ़ है। यहां कई अपराधी और सफेदपोश सांठगांठ से नशे का बड़ा सिंडिकेट चला रहे हैं। पुलिस के हत्थे छोटे-छोटे पैडलर ही लग पाते हैं। पुलिस भी पैडलरों को जेल भेजकर इसके नेटवर्क तक पहुंचने की सिरदर्दी मोल लेने से बचती है।
एसएसपी ने नशे पर कार्रवाई करने के साथ ही गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ के आधार पर मिली जानकारी पर काम करने और अपडेट देने के सख्त निर्देश दिए हैं। यही वजह रही कि छोटी जानकारियों के आधार पर की गई जांच के बाद पुलिस ने तीन बड़े सप्लायरों को पकड़ा है।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि स्मैक के साथ जेल भेजे गए छोटे-छोटे पैडलरों से मिली जानकारियों के आधार पर किए गए कार्य से तीन बड़े सप्लायर हत्थे चढ़े हैं। ये तीनों स्मैक की तस्करी के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
इसके साथ ही एक दूसरे से मोबाइल पर संपर्क में नहीं रहते हैं। गिरफ्तार शानू बड़ा सप्लायर है। उसने खुद स्वीकारा है कि वह तीन सालों में ऊधमसिंह नगर जिले में करीब 30 किलोग्राम स्मैक की डिलीवरी कर चुका है।
वह बेहद शातिर है। ज्यादातर बाइक या फिर यात्री वाहनों में सफर कर स्मैक की सप्लाई करता था। बताया कि फरार रिफाकत के पीछे भी नशे का बड़ा सिंडिकेट है। पुलिस उस सिंडिकेट तक पहुंचेगी और नशे का नेटवर्क खत्म करने की पूरी कोशिश की जाएगी।
बरेली में बैठे नशे के सौदागर पुलभट्टा के रास्ते जिले में बड़ी मात्रा में स्मैक को खपा रहे हैं। स्मैक की लत में पड़कर युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है, वहीं सिंडिकेट मालामाल हो रहे हैं। अब महिलाओं को भी लालच देकर इस काले धंधे में उतारा जा रहा है।
कुछ समय में मामले पकड़े जाने पर स्मैक तस्करी की भयावह स्थिति सामने आई है। अन्य नशीले पदार्थ के तुलना में जिले में स्मैक ज्यादा खपाई जा रही है। स्मैक की खपत किच्छा, रुद्रपुर, काशीपुर, सितारगंज और नानकमत्ता में अधिक हो रही है।
10 अगस्त को पुलभट्टा पुलिस और एसटीएफ ने पुलभट्टा से तस्कर को 537 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद 17 अगस्त को खटीमा से दो स्मैक तस्करों को एक किलो 527 ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया गया। ये लोग बरेली से स्मैक लाकर नेपाल में सप्लाई करते थे।
17 सितंबर को एसटीएफ की एएनटीएफ ने 323 ग्राम स्मैक के साथ किच्छा के दरऊ रोड से तस्कर को दबोचा। 14 सितंबर को रुद्रपुर में पुलिस की एएनटीएफ ने 105.76 ग्राम स्मैक के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया।
22 सितंबर को काशीपुर पुलिस ने एक किलो 24 ग्राम स्मैक के साथ तस्कर को पकड़ा था। तब उसने काशीपुर की रहने वाली रेशमा से स्मैक लेने की बात स्वीकारी थी। बीती 11 अक्तूबर को किच्छा पुलिस ने 14.84 ग्राम स्मैक के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया।
महिला तस्करों की बात करें तो बीते 22 सितंबर को सितारगंज पुलिस ने आठ ग्राम स्मैक के साथ एक महिला व साथी को गिरफ्तार किया था। 22 मई को एसटीएफ और पुलिस टीम ने 30 ग्राम स्मैक के साथ पुलभट्टा से महिला और उसके साथी को गिरफ्तार किया था। पिछले साल गदरपुर पुलिस ने दो सगी बहनों को स्मैक के साथ पकड़ा था।
स्मैक की तस्करी में बड़ा सिंडिकेट चेन बनाकर काम कर रहा है। स्मैक के लत में पड़ चुके युवकों के साथ ही महिलाओं को भी लालच देकर तस्करी में लगाया जाता है।