जज को घिरता देख किया लाठीचार्ज… पुलिसवालों ने वकीलों को जड़े थप्पड़; बरसाई लाठी
गाजियाबाद। कचहरी में मंगलवार की सुबह सबकुछ आम दिनों की तरह सामान्य ही चल रहा था कि 11 बजते ही अचानक असमान्य हो गया। कुछ ही देर में जिला जज की कोर्ट में दो घंटे तक भारी बवाल चला।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि जिला जज की कोर्ट में 50-60 लोग मौजूद थे। बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव के साथ कई वकील आए थे। ये लोग पहले जिला जज अनिल कुमार से एक अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर करने की अपील कर रहे थे, लेकिन जब बात नहीं बनी तो हंगामा करने लगे।
उनका गुस्सा बढ़ता जा रहा है। पुलिस ने देखा कि वे लोग जिला जज का घेराव करने लगे। बस फिर क्या था। पुलिसवालों ने वकीलों को रोकने की कोशिश की। घेरा बनाकर उन्हें सुरक्षित करने का प्रयास किया लेकिन वकीलों का गुस्सा इतना ज्यादा था कि वे रोके नहीं रुक रहे थे। पुलिसवालों ने धक्का देकर वकीलों को पीछे करने का प्रयास किया। इससे भी बात नहीं बनी।
पुलिसवालों ने किया लाठीचार्ज
लोगों ने बताया कि पुलिसवालों ने वकीलों से कहा कि वे लोग जिला जज पर हमले की कोशिश न करें, इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। लेकिन, वकील हंगामा करते रहे। इस पर पुलिसवालों ने लाठीचार्ज कर दिया। कोर्ट रूम में जगह बहुत कम थी। पुलिसवाले लाठी नहीं चला पा रहे थे। मौके की वीडियो देखकर पता चलता है कि कई पुलिसवालों ने वकीलों को घूंसे और थप्पड़ मारकर पीछे किया। इसके बाद कुछ पुलिसवालों ने कुर्सियां उठाकर वकीलों पर फेंकी। इससे वकील कोर्ट रूम से बाहर निकल गए और उनका गुस्से का रुख पुलिस की ओर हो गया।
वकील ने दर्ज कराया था धोखाधड़ी का मुकदमा, अग्रिम जमानत पर थी सुनवाई
जिस मुकदमे में आरोपी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान बवाल हुआ, वह कविनगर थाने में दो अक्तूबर को अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने दर्ज कराया था। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर यह केस दर्ज किया था। इसमें जितेंद्र सिंह का आरोप है कि उनकी और उनके साथी की 90 लाख की संपत्ति को फर्जी एग्रीमेंट बनाकर बेच दिया गया।
एफआईआर में नौ लोग नामजद किए गए थे। एफआईआर में डासना नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन हाजी आरिफ अली, गुलरेज आलम, रिजवान अली, हसमुद्दीन, मोहम्मद फहीम, नसरुद्दीन, फातिमा परवीन, जफरुद्दीन और खुर्शीदन के नाम हैं। इस मामले में आरोपियों को 28 अक्तूबर तक अग्रिम जमानत मिल गई। 29 यानी मंगलवार को सुनवाई हो रही थी।
वकीलों पर 11 धाराओं में दर्ज किए केस
कचहरी परिसर में हुए बवाल में दो मुकदमे गंभीर धाराओं में दर्ज किए गए हैं। ये मुकदमे बलवे की धारा 191(2), दंगा करने, 191(3) , सरकारी कार्य में बाधा डालना, 121(1), सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने 121 (2), संपत्ति को नुकसान पहुंचाने , 324(4) , संपत्ति को नष्ट करने के लिए आग लगाने326(जी) , आपराधिक षडयंत्र रचने61(2) , लोकशांति भंग करने 352, हमला करने 131, खतरनाक हथियारों से हमला करने 118 (1), 7 सीएलए, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की 3 और 4 धारा में मुकदमा दर्ज किया गया है।
अधिवक्ताओं बोले- जिला जज ने कराया लाठी चार्ज
अधिवक्ता मनोज नागवंशी ने बताया कि एक केस की सुनवाई के लिए वह अदालत में मौजूद थे। नाहर सिंह यादव व अन्य अधिवक्ताओं के साथ ही जिला जज से कहासुनी होने लगी। इसी दौरान जनपद न्यायाधीश ने फोन करके पुलिस बुलाकर लाठी चार्ज करा दिया। इसमें कई महिला अधिवक्ता भी घायल हो गईं।
न्यायाधीश ने जानबूझकर किया विवाद
अधिवक्ता जितेंद्र सिंह ने कहा कि जिला जज कई बार सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं से यह कह चुके थे कि वह गाजियाबाद से दुखी हैं, यहां से जाना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने जानबूझकर विवाद किया, जिससे उनका ट्रांसफर हो सके।
अचानक पुलिस भांजने लगी लाठियां
अधिवक्ता अजीत कुमार ने बताया कि सीनियर चैंबर में थे। वह एक केस की सुनवाई की स्थिति की जानकारी लेने गए थे। अदालत में पहुंचने पर काफी हंगामा हो रहा था। इसी दौरान अचानक पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। किसी तरह से बचकर न्यायालय से बाहर निकले।
बार और बेंच के लिए शर्मनाक स्थिति
अधिवक्ता डॉ.राजकुमार चौहान ने कहा कि यह घटना बार और बेंच के लिए शर्मनाक है। बार और बेंच को इस तरह की घटनाओं से बचना चाहिए। अधिवक्ता और न्यायाधीश दोनों समाज के आइना हैं। दोनों को धैर्य और संयम से काम लेना चाहिए।
जिला जज से बदसलूकी कर रहे वकीलों पर पुलिस का लाठीचार्ज
गाजियाबाद जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में चल रहे धोखाधड़ी के केस में अग्रिम जमानत याचिका की सुनवाई दूसरी कोर्ट में स्थानांतरित कर दिए जाने की अपील ठुकराए जाने पर मंगलवार की दोपहर वकीलों ने भारी हंगामा कर दिया।
आरोप है कि अपील ठुकराए जाने से गुस्से में आए वकीलों ने जिला जज से न केवल बदसलूकी की बल्कि हमले का भी प्रयास किया। जिला जज को किसी तरह कड़ी सुरक्षा में कोर्ट से निकालकर चैंबर तक पहुंचाया गया। इसके बाद वकीलों का गुस्सा पुलिस पर फूट पड़ा। उन्होंने पहले पुलिस पर पथराव किया, जिसमें दरोगा राजेश गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके सिर में गहरी चोट आई है।
पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को खदेड़ा
कोर्ट में जगह-जगह तोड़फोड़ की। कचहरी स्थिति पुलिस चौकी में आग लगा दी। चौकी का पूरा सामान जल गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर वकीलों को खदेड़ा। इससे कचहरी में अफरा-तफरी मच गई।
वकीलों ने न्यायिक कार्य बंद कर दिया। चौकी फुंक जाने के बाद आसपास के थानों की फोर्स बुलाकर पूरी कचहरी को पुलिस छावनी में तबदील कर दिया गया। यह बवाल सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक चला। पूरी कचहरी को पुलिस छावनी बना दिया गया। जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा है कि इस मामले में बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
लाठीचार्ज में 25-30 वकील घायल हुए
गाजियाबाद बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नाहर सिंह यादव का कहना है कि वह और उनके साथी जिला जज की कोर्ट में धोखाधड़ी के आरोपी बुलरेज की अग्रिम जमानत का विरोध करने के लिए आए थे। उन्होंने जज से कहा कि या तो याचिका पर सुनवाई करें या केस किसी और कोर्ट में ट्रांसफर कर दें। यादव का आरोप है कि इसी पर जिला जज भड़क गए और उन्होंने पुलिस बुला ली। पुलिस ने कोर्ट रूम में ही वकीलों पर लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज में 25-30 वकील घायल हुए हैं। इनमें पांच महिला वकील हैं।
वकीलों के खिलाफ दो केस दर्ज
वकीलों के खिलाफ कविनगर थाने में दो केस दर्ज कराए गए हैं। एक कोर्ट नाजिर संजीव गुप्ता की ओर से दर्ज कराया गया है। इसमें नाहर सिंह यादव, अभिषेक यादव, दिनेश यादव नामजद और 40 से 50 अज्ञात हैं। दूसरा मुकदमा दरोगा संजय कुमार की ओर से दर्ज कराय गया। इसमें 50 अज्ञात वकील आरोपी हैं। दोनों मुकदमों में बलवे, सरकारी काम में बाधा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराएं लगाई गई हैं।