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 हल्द्वानी। जोहार सांस्कृतिक एवं वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय जोहार महोत्सव का आगाज हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में किया शुरू हो गया है।

8 से 10 नवंबर तक चलने वाले इस महोत्सव में उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र मुनस्यारी और धारचूला की संस्कृति देखने को मिल रही है।

जोहर महोत्सव कार्यक्रम में अगले तीन दिन तक चीन सीमा से सटी जोहार घाटी की लोक और हस्तशिल्प कला के रंग देखने को मिलेंगे महोत्सव में गढ़वाल और कुमाऊं के लोकप्रिय गायकों व नृत्य कलाकारों द्वारा आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।

प्रतिभावान कलाकारों को भी मंच पर अपना हुनर दिखाने का मौका दिया जाएगा महोत्सव के पहले दिन बाजे गाजे के साथ झांकी आयोजन स्थल पहुंची ढोल, दमाऊं, नगाड़े की धुन पर थिरकते नजर आए।

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महोत्सव स्थल पर हिमालय जड़ी-बूटियों और ऊनी वस्त्रों के अलावा पारंपरिक व्यंजनों के स्टाल लगाए गए हैं जो आकर्षण के केंद्र हैं इसके अलावा पहाड़ के जोहार घाटी के पारंपरिक वेशभूषा और खान-पान के भी स्टाल लगाए गए हैं।

आयोजन में पारंपरिक परिधानों में सजे सीमांत के लोग अपनी विशिष्ट शैली में गीत-संगीत के जरिये सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। महोत्सव में आने वाले लोग मुनस्यारी के लजीज व्यंजनों का स्वाद भी ले रहे है।

इसके अलावा उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होने वाली जड़ी-बूटियों व ऊनी कपड़ों की भी लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं।

कार्यक्रम में प्रसिद्ध गायक-गायिकाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।
तीसरे दिन बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता, सामान्य ज्ञान क्विज, भाषण प्रतियोगिता, फैन्सी ड्रेस शो और मेहंदी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।

महोत्सव का समापन सांस्कृतिक कार्यक्रम और पुरस्कार वितरण समारोह से होगा आयोजन कर्ताओं का कहना है कि महोत्सव का उद्देश्य शौका समाज की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करना और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देना है।

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