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उत्तराखंड में नेपाल बॉर्डर से सटे धारचूला में तवाघाट के पास शनिवार को एक बड़ा लैंडस्लाइड हो गया, लैंडस्लाइड की सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि कैसे पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा धूल के गुबार के साथ नीचे गिर रहा है।

गिरे हुए मलबे से सड़क का पूरा हिस्सा ढक गया. इससे हाईवे पर यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो गया. हादसे के बाद सड़क पर गाड़ियों की लंबी कतार लग गई.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अचानक से पहाड़ की ऊपरी सतह सरकने लगी. देखते ही देखते पहाड़ का मलबा तेजी से सरकते हुए हाईवे पर गिरने लगा. लैंडस्लाइड इतना भीषण था कि धूल का गुबार दूर तक दिखाई दे रहा था. घटना की सूचना मिलने पर BRO (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) की टीम मौके पर पहुंची और मलबा हटाने के कार्य में जुट गई।

यह हाईवे रणनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. दरअसल यह हाईवे सीधे नेपाल बॉर्डर से जुड़ा है. इस हाइवे के जरिए मालवाहक वाहन और यात्री दोनों ही बॉर्डर तक पहुंचते हैं, जोकि राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यापार के दृष्टिकोण से अहम है. ऐसे में, लैंडस्लाइड के कारण इस महत्वपूर्ण मार्ग का बंद होना एक बड़ी चुनौती बन गया है. रास्ते का साफ होना काफी जरूरी है ताकि सेना और सुरक्षाबलों की आपूर्ति बाधित न हो और यातायात भी पहले जैसे हो जाए।

मलबा हटाने के लिए रास्ते पूरी तरह से बंद है. इसके बावजूद बीआरओ की टीम ने राहत और बचाव कार्य में तेजी दिखाई है. सीमा से सटे होने के कारण हाईवे का महत्व इतना ज्यादा है कि इस मार्ग की सुरक्षा और मरम्मत को प्राथमिकता दी जा रही है. लैंडस्लाइड से सड़क पर बड़ा नुकसान हुआ है, लेकिन राहत और बचाव कार्य की गति बढ़ाने के साथ जल्द ही यातायात को बहाल करने की कोशिश की जा रही हैं।

पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गिरि गोस्वामी ने बताया कि इस घटना में किसी की जानमाल की हानि नहीं हुई है, बल्कि सड़क पर हो रहे कार्यों के कारण यह हादसा हुआ है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि मलबा हटाने के लिए त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं, और जिला प्रशासन व संबंधित अधिकारियों को मार्ग को जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए गए हैं।

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