
भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय, नैनीताल में डॉ. कल्याण सिंह रावत की प्रेरणादायक उपस्थिति
रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला
नैनीताल। भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय, नैनीताल में एक विशेष एवं प्रेरणास्पद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पर्यावरण संरक्षण, आधुनिक शिक्षा एवं आपदा प्रबंधन जैसे विषयों पर सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए गए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध पर्यावरणविद्, शिक्षाविद् एवं मैती आंदोलन के संस्थापक डॉ. कल्याण सिंह रावत थे। डॉ. रावत ने विद्यालय की प्रातःकालीन सभा को संबोधित करते हुए वृक्षारोपण की महत्ता पर बल दिया और बताया कि कैसे “मैती आंदोलन” ने पौधारोपण को एक सामाजिक और भावनात्मक आंदोलन में परिवर्तित किया है।
इस पहल के अंतर्गत विवाह अवसरों पर वधू और वर एक पौधा लगाते हैं, जिसे वधू की माता पोषित करती हैं। यह परंपरा पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ पारिवारिक मूल्यों को भी प्रगाढ़ करती है। उन्होंने बताया कि 1995 से अब तक इस आंदोलन के तहत 10 लाख से अधिक पौधे विवाह अवसरों पर लगाए जा चुके हैं।
कार्यक्रम में शैलेश मटियाली पुरस्कार से सम्मानित एवं शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के नवाचारों के लिए चर्चित श्री चंद्रशेखर जोशी भी उपस्थित रहे। वर्तमान में वे पिथौरागढ़ के एक राजकीय विद्यालय में प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने छात्रों को 21वीं सदी के कौशलों, तकनीकी शिक्षा और AI की भूमिका के बारे में बताया।
रेड क्रॉस सोसाइटी के सक्रिय सदस्य श्री नीरज जोशी ने आपदा प्रबंधन पर व्याख्यान देते हुए बताया कि हिमालयी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं की आशंका सदैव बनी रहती है, इसलिए छात्रों को सजग, जागरूक और तैयार रहना चाहिए।
कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री बी. एस. मेहता, उपप्रधानाचार्य श्री प्रवीण सती और प्रबंधक श्री ज्योति प्रकाश ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं धन्यवाद किया।
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकगण — श्री शहनवाज़, श्री उत्कर्ष बोरा, श्री चंद्रप्रकाश, श्री दरपान, श्रीमती रेनू, श्रीमती मीनाक्षी, श्रीमती नीलम, श्रीमती गीतिका और श्रीमती अवंतिका — भी उपस्थित रहे और छात्रों के साथ कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता की।
विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह से इस कार्यक्रम में भाग लिया और प्रकृति संरक्षण, तकनीकी शिक्षा तथा आपदा प्रबंधन जैसे विषयों पर प्रेरणादायक विचारों को आत्मसात किया। यह आयोजन निःसंदेह उनके सर्वांगीण विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर सिद्ध होगा।