हल्द्वानी। आदित्य गुरूरानी ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से न केवल अपनी, बल्कि पूरे देश की पहचान अंतरराष्ट्रीय मंच पर बनाई। डाउन सिंड्रोम से जूझ रहे आदित्य ने ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में आयोजित एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 3 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल अपने नाम किए।
आदित्य ने स्क्वाट, डेडलिफ्ट, और बेंच प्रेस जैसे मुश्किल इवेंट्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीते और कंबाइंड कैटेगरी में सिल्वर मेडल हासिल किया। उनकी इस ऐतिहासिक जीत ने न केवल हल्द्वानी की रोशनी सोसायटी, बल्कि पूरे उत्तराखंड और भारत को गर्व से भर दिया।
आदित्य के सम्मान में रोशनी सोसायटी ने सेंटर पर भव्य स्वागत समारोह का आयोजन किया। ढोल-नगाड़ों और फूल मालाओं के साथ आदित्य का अभिनंदन किया गया।मिठाइयां बांटी गईं और विशेष बच्चों ने भी इस जश्न में उत्साह से भाग लिया।
सोसायटी की अध्यक्ष शिवानी पाल ने आदित्य की इस उपलब्धि को संस्था और अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा बताया। आदित्य के इस सफर में रोशनी सोसायटी के पदाधिकारियों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ-साथ नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजीव जोशी, और अन्य सहयोगियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
सोसायटी ने आदित्य को आगामी स्पेशल ओलंपिक की तैयारी के लिए हर संभव समर्थन देने का वादा किया है। यह कहानी सिर्फ आदित्य की जीत की नहीं, बल्कि उस जज्बे और आत्मविश्वास की है।
जो हर चुनौती को अवसर में बदलने की ताकत रखता है। आदित्य ने साबित कर दिया कि सच्ची लगन और मेहनत से कोई भी सपना सच किया जा सकता है।