जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुई आतंकी घटना के बाद देहरादून पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए एक विशेष अभियान शुरू कर दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह के निर्देश पर जिले के सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियों की वर्दी और संबंधित सामग्री बेचने वाली दुकानों की पहचान करने और सूची तैयार करने को कहा गया है।
जानकारी के अनुसार, पहलगाम की घटना में शामिल आतंकवादियों ने आर्मी की वर्दी पहनकर वारदात को अंजाम दिया था।
इस गंभीर सुरक्षा चूक को ध्यान में रखते हुए देहरादून पुलिस अब ऐसे दुकानदारों पर नजर रख रही है, जो सेना, अर्धसैनिक बलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों से संबंधित वर्दी, बैज, बेल्ट, बूट, टोपी आदि सामग्री की बिक्री करते हैं।
सेना की वर्दी की तरह कपड़े बचने वालों सख्त हिदायत
एसएसपी के निर्देशों के तहत दुकानदारों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे बिना वैध पहचान पत्र के किसी भी व्यक्ति को सेना या अर्धसैनिक बलों की वर्दी या अन्य सामग्री न बेचें. साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर कोई दुकानदार इन निर्देशों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस की टीमें शहर के विभिन्न थाना क्षेत्रों में इन दुकानों का निरीक्षण कर रही हैं. दुकानदारों को निर्देशों से अवगत कराते हुए उनके हस्ताक्षर युक्त पत्र भी भरवाए जा रहे हैं, जिसमें वे यह सुनिश्चित करेंगे कि बिना आईडी के किसी भी व्यक्ति को ऐसी सामग्री नहीं बेची जाएगी।
आतंकवादी वर्दी का कर रहे दुरुपयोग
देहरादून पुलिस का कहना है कि यह कदम पूरी तरह से एहतियाती है और इसका उद्देश्य आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
आतंकवादी घटनाओं में सेना की वर्दी का दुरुपयोग कर आम जनता और सुरक्षाबलों को भ्रमित किया जा सकता है, इसलिए इस दिशा में सख्ती बरतना जरूरी है।
पुलिस ने आम जनता से भी अपील की है कि अगर वे किसी व्यक्ति को संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त देखें या बिना किसी वैध पहचान के आर्मी से जुड़ी वस्तुएं खरीदते हुए पाएं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें
देहरादून पुलिस का यह अभियान न केवल सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह संभावित खतरों को रोकने की दिशा में भी एक अहम कदम साबित हो सकता है. आने वाले दिनों में इस अभियान को और सघन करने की योजना है।
