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विदेश में नौकरी का लालच दिखाकर बंधक बनाने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इंटरनेशनल गिरोह बेरोजगार युवाओं को टारगेट कर फंसा रहे हैं। जिसके बाद युवाओं को बंधक बनाकर अवैध काम करा रहे हैं।

जिसके बाद उनके परिजन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हो रहे हैं। उत्तराखंड के भी 15 लोग इनके जाल में फंसे हुए हैं। जिन्हें बाहर निकालने के लिए अब धामी सरकार ने विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई है।

उत्तराखंड के युवा बैंकाक में नौकरी दिलाने के नाम पर एजेंट के जरिए ठगे गए हैं। युवाओं को बैंकाक में नौकरी दिलाने के नाम पर पहले दिल्ली बुलाया गया। इसके बाद बैंकाक भेजा गया। लेकिन एयरपोर्ट से वे म्यांमार पहुंच गए।

गलत धंधे में धकेलने की कोशिश

अब उन्हें बंधक बनाकर गलत काम करने को मजबूर किया जा रहा है। परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई है। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने उनकी मदद के लिए केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय से​ निवेदन किया है।

म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर सक्रिय

साइबर एक्सपर्ट् की मानें तो इंटरनेट मीडिया के माध्यम से फर्जी और अवैध नौकरियों के लालच में युवा फंस रहे हैं। इसके बाद उन्हें इंटरनेट में गलत काम करने और डार्क वेब में काम करने को मजबूर किया जाता है। ये अंतरराष्ट्रीय क्राइम सिंडिकेट म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर सक्रिय है।

नौकरी का प्रस्ताव लेने से पहले सावधान

हाल ही में लाओस में अवैध काम में फंसे 13 भारतीयों को बचाकर घर वापस लाए जाने के बाद भारत सरकार इसको लेकर सलाह भी जारी कर चुकी है। भारतीय दूतावास ने सलाह में कहा कि म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर म्यावाडी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय क्राइम सिंडिकेट सक्रिय है। ऐसे में इस क्षेत्र में भारतीय से नौकरी का प्रस्ताव लेने से पहले सावधान रहें।

तस्करी का मामला आया था सामने

हाल ही में म्यावाडी शहर के दक्षिण में ‘फा लू क्षेत्र’ में एक नया स्थान सामने आया है, यहां अधिकांश भारतीयों की भारत के साथ-साथ मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों से थाईलैंड के रास्ते तस्करी की जा रही है।

सीएम ने विदेश मंत्रालय से की बात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विदेश मंत्री डॉ.एस. जयशंकर से म्यांमार में फंसे उत्तराखण्ड के लोगों की सुरक्षित वापसी का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने गुरूवार को फोन पर विदेश मंत्री से वार्ता की तथा उन्हे स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि म्यांमार के कॉल सेंटरों द्वारा उत्तराखंड के 15 से अधिक पुरुषों और नौ महिलाओं को अगवा कर उन्हें म्यांमार में कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

पीड़ितों के परिजन परेशान

उन्होंने कहा कि इस स्थिति से पीड़ितों के परिजन परेशानी और मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना से उत्तराखंड के लोगों में भी भय बना हुआ है। उन्होंने उत्तराखंड के नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए विदेश मंत्री से सहायता की अपेक्षा की है।