ब्रेकिंग न्यूज़
खबर शेयर करे -

COVID-19: एक बार फिर एशिया के कई देशों में COVID-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. सिंगापुर, हांगकांग, चीन और थाईलैंड जैसे देशों में कोरोना संक्रमण की नई लहर देखी जा रही है।

इस बार संक्रमण का कारण बना है ओमिक्रॉन (Omicron) का नया सब-वैरिएंट JN.1 और इसके जैसे दूसरे वैरिएंट।

सिंगापुर में तो मई की शुरुआत में ही कोरोना केस 11,000 से बढ़कर 14,000 के पार पहुंच गए. हालांकि, आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या में खास इजाफा नहीं हुआ है. इससे साफ है कि नया वैरिएंट पहले जितना घातक नहीं है, लेकिन सावधानी बरतना अभी भी बेहद जरूरी है।

भारत में अभी फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. 19 मई 2025 तक पूरे देश में सिर्फ 93 एक्टिव कोविड केस दर्ज किए गए हैं. मुंबई जैसे शहरों में कुछ हल्के लक्षणों वाले मरीज जरूर मिले हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह कोई नई लहर नहीं है. फिर भी, स्वास्थ्य विभाग लोगों से सतर्क रहने और सामाजिक दूरी जैसे नियमों का पालन करने की सलाह दे रहा है।

JN.1 वैरिएंट क्या है?

JN.1, ओमिक्रॉन के BA.2.86 वंश से विकसित हुआ एक नया सब-वैरिएंट है, जो 2023 में पहली बार सामने आया था. इसमें करीब 30 तरह के म्यूटेशन (जैविक बदलाव) हैं जो इसे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में मदद करते हैं. यही वजह है कि यह वैरिएंट तेजी से फैल सकता है और पहले से संक्रमित या वैक्सीनेटेड लोगों को भी संक्रमित कर सकता है।

WHO ने JN.1 को दिसंबर 2023 में “Variant of Interest” घोषित किया था. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक JN.1 अब अधिक तेजी से फैलने की क्षमता रखता है।

कितने देशों में फैल चुका है JN.1?

JN.1 वैरिएंट अब दुनियाभर में तेजी से फैल चुका है. पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में इसके 93.9%, दक्षिण-पूर्व एशिया में 85.7%, यूरोप में 94.7% और अमेरिका में 93.2% मामले दर्ज किए गए हैं. ये आंकड़े साफ तौर पर दिखाते हैं कि JN.1 फिलहाल दुनिया में सबसे अधिक पाया जाने वाला कोविड-19 वैरिएंट बन चुका है।

क्या वैक्सीन JN.1 पर असरदार है?

कुछ शोध बताते हैं कि JN.1 वैरिएंट पर पुरानी वैक्सीनों की असरकारिता कम हो सकती है, क्योंकि यह वैरिएंट एंटीबॉडी से बच निकलने में माहिर है. यानी वैक्सीन लगवा चुके या पहले संक्रमित हो चुके लोग भी JN.1 से संक्रमित हो सकते हैं, हालांकि संक्रमण की गंभीरता आमतौर पर कम होती है।

WHO के अनुसार, XBB.1.5 मोनोवैलेंट बूस्टर डोज (नई तरह की कोविड वैक्सीन) JN.1 वैरिएंट से बचाव में कुछ हद तक असरदार पाई गई है. इसका मतलब है कि अगर आपने बूस्टर डोज ली है, तो आपकी सुरक्षा बेहतर हो सकती है।

JN.1 के लक्षण क्या हैं?

JN.1 के लक्षण पहले वाले कोविड वेरिएंट्स की तरह ही होते हैं, जैसे: गले में खराश, बुखार,नाक बहना या बंद होना, सूखी खांसी, थकावट और कमजोरी, सिर दर्द, स्वाद या गंध का चला जाना, मांसपेशियों में दर्द, आंखों में जलन या सूजन, दस्त और उल्टी, सांस की तकलीफ (गंभीर लक्षण)

ज्यादातर मामलों में ये लक्षण हल्के होते हैं और घर पर इलाज संभव है. गंभीर स्थिति आमतौर पर कमजोर इम्यूनिटी वाले या बुजुर्ग लोगों में देखी जाती है।

क्या करें और क्या न करें?

मास्क पहनें, खासकर भीड़भाड़ वाले स्थानों पर.

हाथों की सफाई करते रहें

अगर लक्षण हों तो तुरंत टेस्ट करवाएं.

बूस्टर डोज लेने में देर न करें.

अफवाहों पर ध्यान न दें.

बिना जानकारी के दवाएं न लें।

हालांकि JN.1 वैरिएंट तेजी से फैल रहा है, लेकिन वर्तमान में यह बहुत घातक नहीं है. फिर भी, सावधानी और सतर्कता बेहद जरूरी है. सतर्क व्यवहार ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा ढाल हैं।

यह भी पढ़ें :  अल्मोड़ा : सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर उठाए गंभीर सवाल
error: Content is protected !!