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बस हादसे में 7 लोगों की जान चली गई थी और 42 लोग  हो गए थे घायल 

लोग मृत महिला को सड़क से साइड करने के बजाय उसके हाथों से सोने की चूड़ियां उतारते नजर आए

मुंबई। कुर्ला इलाके में एक बस हादसे में 7 लोगों की जान चली गई थी और 42 लोग घायल हो गए थे। जहां बस हादसे में शिकार एक महिला का शव सड़क पर पड़ा हुआ था।

हादसे की खबर लगते ही कुछ लोग मौके पर पहुंचे थे. हालांकि, वे मृत महिला को सड़क से साइड करने के बजाय उसके हाथों से सोने की चूड़ियां उतारते नजर आए

यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. हालांकि वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए मुंबई पुलिस ने कहा कि वे मामले की गंभीरता से जांच करेंगे और एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करेंगे. ताकि इस तरह की हरकत भविष्य में कोई न करें।

हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट विभाग ने सरकार को सौंपी

इस मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आरटीओ विभाग ने सरकार को सौंप दी है. जिसके मुताबिक, हादसे का शिकार बनी बस में कोई दिक्कत नहीं पाई गई. हालांकि इस केस की फाइनल रिपोर्ट आना अभी बाकी है।

आरटीओ विभाग के ज्वॉइंट कमिश्नर रवी गायकवाड़ के मुताबिक, अधिकारी समय लेकर अपनी जांच की फाइनल रिपोर्ट सबमिट करेंगे. बस में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं मिली है. आरटीओ ने यह रिपोर्ट बनाई है और बेस्ट प्रशासन के समक्ष पेश कर दी है।

सबसे अहम बात ये है कि मंगलवार को इस मामले में पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि हो सकता है, इस घटना में वाहन चालक ने उस बस को किसी हथियार की तरह इस्तेमाल किया हो, इस एंगल से भी जांच करने की ज़रूरत है. पुलिस को लग रहा है कि इस दुर्घटना में शामिल बस के चालक संजय मोरे ने जानबूझकर इस कृत्य को अंजाम देने के लिए बस को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया था।

अदालत ने जांच को सुविधाजनक बनाने के लिए 54 वर्षीय बस चालक संजय मोरे को 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. यह घटना सोमवार को रात करीब 9.30 बजे मुंबई के कुर्ला इलाके में हुई थी. नागरिक संचालित बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) द्वारा संचालित बस ने घनी आबादी वाले इलाके में कई वाहनों और पैदल यात्रियों को टक्कर मार दी थी।

घटना के बाद ही बस ड्राइवर संजय मोरे को मौके पर ही हिरासत में लिया गया और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या) और 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास) के साथ-साथ मोटर वाहन अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप हैं।

अदालत की सुनवाई के दौरान, पुलिस ने तर्क दिया कि कथित अपराध गंभीर प्रकृति का था, जिसके लिए संजय मोरे के इरादों की गहन जांच की आवश्यकता थी. पुलिस ने यह निर्धारित करने की आवश्यकता पर बल दिया कि क्या बस को जानबूझकर लोगों की जान को खतरे में डालने के लिए लापरवाही से चलाया गया था?

पुलिस ने यह भी कहा कि वे जांच करेंगे कि क्या मोरे ने उचित प्रशिक्षण लिया था? क्या वह उस समय नशीले पदार्थों के प्रभाव में था? और क्या घटना के पीछे कोई साजिश थी?

पुलिस ने उल्लेख किया कि परिवहन विभाग ने अभी तक दुर्घटना में शामिल बस की तकनीकी जांच नहीं की है. पुलिस ने यह साबित करने की ज़रुरत पर जोर दिया कि क्या संजय मोरे के पास बस होना भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्र में एक हथियार की तरह था।

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