ब्रेकिंग न्यूज़
खबर शेयर करे -

नैनीताल के नैनीझील में पंतनगर विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग ने अलग अलग मछलियों के 20,000 बीज झील में डाले।

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। विश्वविख्यात नैनीझील का पारिस्थितिकी तंत्र सुधारने के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग ने अलग अलग मछलियों के 20,000 बीज झील में डाले।

साइंटिस्टों ने कहा कि झील का पानी मछलियों के लिए मुफीद है। यहां, गोल्डन महाशीर, सिल्वर कार्प के अलावा विशेष रूप से चौगुनिया और काल रोहू को भी प्रवाहित किया गया है।
नैनीझील में आज गोविंद बल्लभ पंत मत्स्य विज्ञान महाविद्यालय की तरफ से मत्स्य विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.आशुतोष मिश्रा, डीन प्रो.अवदेश कुमार, जे.ई. जिला विकास प्राधिकरण विपिन कुमार और एरिएशन प्रोजेक्ट से जुड़े आनन्द कोरंगा पहुंचे।

फांसी गधेरे के समीप झील में पहुंचे इन लोगों ने झील की गुणवत्ता चैक की। बताया कि आज तलहटी में 3 एम.जी.ऑक्सीजन है, जबकी सरफेस(सतह)में 5 एम.जी.ऑक्सीजन पाई गई है। कहा की, इसी वर्ष 29मई को पिछले दौरे में झील डेढ़ मीटर ट्रांसपेरेंसी थी, लेकिन अब काफी बढ़ गई है।

झील में आज राजकीय मछली गोल्डन महाशीर के 4,000, चौगनिया और काल रोहू के 1000 और सिल्वर कार्प के 15,000 बीज डाले। इससे पहले विभाग ने गंबूचिया, पुण्टिस और बिग हैड मछलियों को झील से निकाला था।

एक्सपर्ट्स ने बताया कि झील की गुणवत्ता पीने लायक न हो लेकिन फिशरीज के नजरिये से ठीक है। एल्गी की मात्रा भी पहले से बेहतर हो गई है।

यह भी पढ़ें :  दिन-दहाड़े बंद घर में चोरी करने वाले हिस्ट्रीशीटर को पुलिस ने साथी सहित किया गिरफ्तार

You missed

error: Content is protected !!