उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। नए-नए तरीकों से लोगों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है। फ्रॉड के नए मामलों को जानकर पुलिस भी हैरान है। हालांकि, पुलिस केस दर्ज करने के बाद ठगों के खिलाफ सख्त ऐक्शन भी लेती है।
साइबर ठगी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां के एक व्यापारी को ठगों ने झांसे में लेकर लगातार 34 दिनों तक निशाने पर रखा। व्यापारी से साढ़े बारह लाख से अधिक रुपये ठग लिए। ठगी का एहसास होने पर व्यापारी ने मुकदमा दर्ज कराया है।
दमुवाढूंगा सरदार की कोठी निवासी पीड़ित व्यापारी ने साइबर पुलिस को तहरीर बताया कि अगस्त 2024 से तीन अक्तूबर 2024 तक उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बनाया है। बताया कि उनके मोबाइल फोन पर अज्ञात नंबर से एक लिंक आया। लिंक से वह एक वेबसाइट तक पहुंचे और रजिस्ट्रेशन करा लिया।
वेबसाइट पर दावा किया गया कि यह एक अमेरिकी कंपनी है, जो अपने ग्राहकों के लिए उत्पाद डिलीवरी करने का कार्य करती है। कंपनी ने उन्हें एक ऑनलाइन स्टोर खोलने का ऑफर दिया।
लगातार निवेश करने की बात पर भरोसा करके उन्होंने 12,76,931 रुपये जालसाजों के खाते में डाल दिए। इसके बाद ठगों के निवेश के बाद उनके ये पैसे फंस गए और खाता भी खाली हो गया। सीओ साइबर सुमित पांडे ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
दूसरी ओर, फर्जी आईडी पर सिम कार्ड एक्टिवेट करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी करीब दो वर्षों से फरार चल रहे थे। पुलिस ने गिरफ्तार दोनों आरोपियों को लिखापढ़ी के बाद कोर्ट में पेश कर दिया है, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।
वर्ष 2023 में आइडिया प्राइवेट लिमिटेड के नोडल अधिकारी विशाल पाठक ने मंगलौर कोतवाली में दो आरोपियों के खिलाफ फर्जी फोटो व आधार कार्ड का प्रयोग कर कंपनी के 440 सिम कार्ड एक्टिव करने के संबंध में केस दर्ज कराया था।
पुलिस ने सिम कार्ड एक्टिवेट करने वाले दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी थी।
दोनों आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे। पुलिस ने रविवार को आरोपियों के ठिकानों पर दबिश देकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों ने अपने नाम मोहतसीन व तनवीर निवासी ग्राम टांडा भनेड़ा बताए हैं। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ लिखापढ़ी कर उनका चालान कर दिया है।