नैनीताल उच्च न्यायालय बार सभागार में हिंदू नव संवतसर बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया
रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला
नैनीताल। हाईकोर्ट सभागार में हिंदू नव संवतसर बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया। हिंदू नव वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज पूरा विश्व भारतीय सनातन धर्म को ग्रहण कर रहा है।
एसे में हमे अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के अधिक प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा हिंदू नव वर्ष प्रकृति में बदलाव को दर्शाता है।
जबकि अंग्रेजी कलेंडर के आधार पर मनाए जाने वाले साल किसी भी प्रकार के बदलाव के संकेत नही मिलते।
हिदू नव वर्ष हमे अपनी मूल संस्कृति की ओर जाने की प्रेरणा देता है। भारतीय जितना प्रकृति के जुड़ा है। उतना कोई देश नही प्रकृति प्रेमी है। यही वजह है कि आज पूरा विश्व आशा की नजर से भारत की ओर देख रहा है।
बार अध्यक्ष डीएस मेहता ने कहा संवत 2082 जो आज शुरू है 2 दिन पहले से नव वर्ष के रूप में भारत के नववर्ष के रूप में मनाया जाता है नव वर्ष है कि नई खपुले और पत्तियां आती और लहराती फसले मन को खुश कर देती है तो ऐसे समय में एक तरह का खुद में भी जो प्रकृति जो है एक आनंद का जैसा वातावरण होता है प्रकृति भी सोचती है कोई नया आया है इसलिए नव वर्ष महत्वपूर्ण हो जाता है।
वही अधिवक्ता जीएस सिद्धू ने कहा वास्तव में कोई पेड़ होता है उसकी जड़ सुख जाए तो ऊपर के फल फूल पत्तियां सब सुख जाते हैं। उसकी जो जड़ है उसमें ध्यान देना हमारी मूल संस्कृति है उसकी ओर जाना यह नव वर्ष हमको सीखाता है और पहले दुनिया के हर तरीके के वर्ष होते थे पहले यहीं से चलते थे अंग्रेज़ों में भी पहले मार्च से महीना शुरू होता था।
दिसंबर में खत्म हो जाता था तो भारतीय संस्कृति है वह प्रकृति के साथ इतनी जुड़ी हुई है कि जैसे-जैसे प्रकृति में बदलाव होता है वैसे-वैसे हमारे अंदर बदलाव होता है और प्रकृति के बदलाव का सूचक ही हमारा नया संबंध होता है तो जितने परिवर्तन दिखते हैं वह दिखाते हैं ।
अंग्रेजों का जो दिसंबर का महीना और जनवरी आती है इसमें कोई परिवर्तन नहीं दिखता सब चीज वैसी की वैसी रहती है प्रकृति जितना साथ हम लोग हैं उतना दुनिया में कोई नहीं है। इसलिए हम सनातन हैँ।
हम जड़ों की ओर वापस आ रहे हैं और हमें बड़ा गर्व है कि सारा देश ओर वापस आ रहा है और दुनिया भी अभी चीज को मान रही है कि भारत कुछ है और भारत की ओर बड़ी आशा से दुनिया देख रही है।
