”हे प्रभु परम मनोहर ठाऊं, पावन पंचवटी तेहि नाऊं”
रिपोर्टर -अजय वर्मा
हल्द्वानी। प्राचीन श्री रामलीला मैदान में दिन लीला में अगस्त मुनि आगमन, पंचवटी, सूर्पनखा नासिका छेदन, खर दूषण वध की लीला का मंचन व्यासजी पुष्कर दत्त शास्त्री द्वारा तथा रात्रि लीला में पुष्प वाटिका, धनुष यज्ञ तथा राम विवाह की लीला मंचन रात्रि लीला के व्यास पंडित जानकी दास द्वारा कराया गया ।
वन गमन के मध्य दंडक वन में प्रभु श्री राम जी की मुलाकात गिद्धराज जटायु से होती है, सभी मुनियों द्वारा प्रभु राम से प्रार्थना की जाती है कि
हे प्रभो! एक परम मनोहर और पवित्र स्थान है, उसका नाम पंचवटी है। हे प्रभो! आप दण्डक वन को (जहाँ पंचवटी है) पवित्र कीजिए और श्रेष्ठ मुनि गौतमजी के कठोर शाप को हर लीजिए।
भगवान श्री राम मुनियों की प्रार्थना सुन कर माता सीता तथा लखनलाल जी पंचवटी में निवास करते हैं। पंचावती में रावण की बहन सूर्पनखा भगवान के रूप को देख कर मोहित हो उठती है और विवाह करने की इच्छा जाहिर करती है प्रभु राम कहते हैं देवी मैं पत्नीव्रता विवाहित पुरुष हूं।
आप मेरे छोटे भाई लक्ष्मण से विवाह की बात कर लीजिए इस पर कुपित हो कर सूर्पनखा सीता माता पर झपटती है, जिस पर लक्ष्मण जी द्वारा सुरपनाखा की नासिका छेदन कर दिया जाता है। सुरपनखा रोते हुए खर दूषण के पास पहुंचती है और वे क्रोधित हो कर प्रभु श्री राम से युद्ध करने आते हैं और मारे जाते हैं।
आज के लीला में अतिथि हाई कोर्ट नैनीताल के न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा, एडवोकेट पियूष गर्ग व्यवसाई राकेश अग्रवाल, मनोहर केसरवानी, आई एम ए से अध्यक्ष डा उपेंद्र ओली, सचिव डा प्रदीप पांडे,रजत गर्ग , सुशील पप्पी ,कृष्णानंद चौबे नरेंद्र साहनी आदि रहे।
रामलीला संचालन समिति से रिसीवर ए बी बाजपेई,भोलानाथ केसरवानी, सौरभ अग्रवाल,पंकज कपूर, विनीत अग्रवाल,अतुल अग्रवाल, योगेश शर्मा तथा प्रदीप जनौटी ने अतिथियों का पटका पहना कर स्वागत किया।
आज रामलीला मैदान में खर दूषण के पुतले का दहन किया जाता है। दिन लीला में संचालन समिति सदस्य अमित जोशी तथा नब्बू भाई , रोहित ठाकुर,सुशील शर्मा रहित ठाकुर, महेश राजा आदि ने पंचवटी की झांकी का सुंदर व भव्य निर्माण कराया।
केसरवानी महिला समिति द्वारा तिलक चंदन लगा कर श्रृद्धालुओं का स्वागत किया गया। व्यास मंच पर व्यास जी के साथ पंडित रीतेश जोशी तथा पंडित प्रमोद भट्ट ने संगत दी।