संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत के नेतृत्व में संयुक्त स्थलीय निरीक्षण के उपरान्त चिकित्सालय के बन्द भाग को खोले जाने के दिये निर्देश।
रिपोर्ट- बलवन्त सिंह रावत
रानीखेत। संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत के नेतृत्व में भू वैज्ञानिकों, चिकित्सको और लोक निर्माण विभाग के अधिकारीयों के साथ अस्पताल का संयुक्त स्थलीय निरीक्षण के उपरान्त चिकित्सालय के बन्द भाग को खोले जाने के लिए जारी किया पत्र।
गोविन्द सिंह माहरा राजकीय नागरिक चिकित्सालय रानीखेत को भवन के बन्द भाग को खोले जाने के दृष्टिगत संयुक्त मजिस्ट्रेट, रानीखेत, तहसीलदार रानीखेत, उपनिदेशक/भूवैज्ञानिक, सहायक भूवैज्ञानिक, अल्मोड़ा, सहायक अभियन्ता, निर्माण खण्ड रानीखेत, सहायक अभियन्ता प्रान्तीय खण्ड रानीखेत एवं प्र० चिकित्सा अधीक्षक द्वारा सयुक्त स्थलीय निरीक्षण किया गया।
बता दे कि कुछ समय पूर्व स्व. गोविन्द सिंह माहरा राजकीय चिकित्सालय परिसर का पिछला हिस्सा भूस्खलन से खिसकने से अस्पताल भवन को खतरा हो गया था।
जिसको देखते हुए संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत ने आज स्थलीय निरीक्षण के उपरान्त चिकित्सालय मे वैकल्पिक एन०आई०सी०यू० यार्ड (06 बेड), लॉन्ड्री रूम, नर्सिंग स्टेशन (जिनका उपयोग वैकल्पिक तौर पर मरीजों को भर्ती किये जाने हेतु किया जा सकता है) एवं प्रथम तल पर आई०सी०यू० वार्ड को चिकित्सालय की अपरिहार्य आवश्यकता के कारण मरीजों के उपयोग किये जाने के लिए मात्र इस प्रतिबन्ध के तहत संस्तुत किया जाता है कि मूस्खलन भाग में किसी भी दशा में शौचालय एवं अन्य किसी स्रोत से प्रवाहित होने वाले जल को भूस्खलन भाग से दूर किया जाने की समुचित व्यवस्था के साथ खोले जाने के लिए निर्देशित किया।
सयुंक्त मजिस्ट्रेट राहुल आनंद ने बताया कि भूस्खलन के बाद से रानीखेत नागरिक चिकित्सालय में जनरल वार्ड को बंद किया गया था। अभी तक यह वैकप्लिक तौर पर अस्पताल के अन्य हिस्सों में चलाया जा रहा था। पर हाल मरीजों का लोड काफी बढ़ने के कारण अस्पताल प्रशासन और अन्य विभागों से यह अपील की जा रही थी कि दुबारा निरीक्षण किया जाए।
इसी क्रम में आज निर्माण खंड और प्रांतीय खंड के अभियंता, अस्पताल प्रशासन और भू वैज्ञानिको की टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया। जनरल वार्ड के जिस हिस्से पर भूस्खलन हुआ है, उस ओर के सभी तलों के कमरों को बंद रखते हुए उसकी दूसरी तरफ, जिसमें अभी एक प्राइवेट वार्ड, लॉन्ड्री रूम, लेबर रूम और एक आईसीयू कक्ष फिलहाल जनरल वार्ड की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
पहले निरीक्षण के समय इस पूरे हिस्से को बंद रखना निर्धारित किया गया था। पर अब जरूरत के अनुसार, और विशेषज्ञों की मानते हुए उस वार्ड को खोलने का निर्णय लिया गया है। इससे अस्पताल में 12 और बेड उपलब्ध हो पाएंगे।
इस अवसर पर सयुंक्त मजिस्ट्रेट राहुल आनन्द, डॉक्टर डी. एस. चन्द उप निदेशक/भू वैज्ञानिक, नवीन सिंह रावत सहायक भू वैज्ञानिक, जिला अल्मोड़ा, हेमन्त सिंह मेहरा तहसीलदार, सहायक अभियन्ता के. एस. बिष्ट, सहायक अभियन्ता बी. एन. पाण्डेय, कनिष्ठ अभियन्ता ललीत सिंह सिराडी, डाँक्टर अशोक टम्टा, फार्मसिस्ट नरेंद्र आर्य,सहित चिकित्सालय कर्मचारीगण उपस्थित रहे।