उत्तराखंड में मानूसन ने दस्तक दे दी है। मानसून के मद्ददेनजर चारधाम यात्रा में केदारनाथ धाम, बदरीनाथ व हेमकुंड साहिब के लिए हेली सेवाओं की उड़ान रोक दी है। 22 जून के बाद आगे की यात्रा के लिए हेली टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग नहीं होगी।
अब यात्रियों को पैदल ही चारधाम यात्रा करनी होगी।
मानसून सीजन में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम की चुनौती को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से हेलिकॉप्टर संचालन की अनुमति नहीं मिली है।
केदारनाथ धाम के लिए दो मई से गुप्तकाशी, सिरसी, फाटा हेलिपैड से हेली सेवा का संचालन शुरू हुआ था। जबकि हेमकुंड साहिब के लिए गोबिंदघाट से घांघरिया तक 25 मई से हेली सेवा संचालित की गई।
इस बार चारधाम यात्रा में हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं के चलते डीजीसीए व उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) की ओर से सख्त निगरानी की जा रही है। प्रदेश में मानसून दस्तक दे चुका है। जिससे 22 जून से आगे की यात्रा के लिए केदारनाथ व हेमकुंड साहिब हेली सेवाओं के टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग रोक दी गई।
बता दें कि चारधाम यात्रा में लगातार हेली हादसे सामने आ रहे हैं। बीते दिनों गौरीकुंड में हेली हादसे के बाद सरकार ने हेली संचालन पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद 17 जून से हेली संचालन की अनुमति दे दी थी लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके।
वहीं अब मानसून सीजन को लेकर रविवार से चारधाम में हेलीकॉप्टर सेवा पूरी तरह से बंद हो जाएगी. इसके साथ ही सभी हेली कंपनियां वापस लौट रही हैं. अभी तक 6 दिनों में 5500 से अधिक टिकट रद्द हो चुके हैं हालांकि, मानसून के बाद 15 सितंबर से हेली सेवाएं फिर वापसी करेंगी।
जानकारी के अनुसार अब तक 39,247 श्रद्धालु हेलीकॉप्टर से केदारनाथ की यात्रा कर चुके हैं. इस बार आठ कंपनियां हेलीकॉप्टर का संचालन कर रही हैं।
40 दिनों में चारधाम यात्रा में इस बार कर दुर्घटनाएं होने से 13 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि एविएशन कंपनियों को भी करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।
राज्य सरकार ने दुर्घटना के बाद देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड पर एक कंट्रोल रूम बनाया है, जिसमें बैठकर सभी अधिकारी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

