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पिछले एक सप्ताह में भारत में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. देशभर में कुल 752 नए संक्रमित मामलों की पुष्टि हुई है, जिससे सक्रिय मामलों की संख्या 1,000 के पार पहुंच गई है।

यह वृद्धि ऐसे समय में देखी जा रही है जब अधिकांश लोग महामारी को लगभग समाप्त मान चुके थे.

सबसे ज़्यादा मामले केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली सेकेरल में पिछले सप्ताह सबसे अधिक 335 नए मामले दर्ज किए गए, जिससे राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 430 हो गई है. इसके बाद महाराष्ट्र में 153 और दिल्ली में 99 नए संक्रमित मिले. 26 मई को जारी रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में अब 209 और दिल्ली में 104 सक्रिय मामले हैं।

अन्य राज्यों में भी संक्रमण का असर

इन तीन राज्यों के अलावा, गुजरात में 83, कर्नाटक में 47, उत्तर प्रदेश में 15 और पश्चिम बंगाल में 12 नए कोविड मामलों की पुष्टि हुई है. यह दर्शाता है कि संक्रमण अब केवल कुछ राज्यों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह अन्य हिस्सों में भी फैल रहा है।

बढ़ते संक्रमण के साथ ही दो नए वेरिएंट्स – एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 की पहचान हुई है. इन वेरिएंट्स का पता केंद्र सरकार की एजेंसी भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) द्वारा किया गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन दोनों वेरिएंट्स को “निगरानी के अंतर्गत” वेरिएंट्स की श्रेणी में रखा है. इसका मतलब है कि ये वेरिएंट्स फिलहाल न तो “चिंताजनक वेरिएंट्स” की श्रेणी में आते हैं और न ही इन्हें “रुचिकर वेरिएंट्स” माना गया है, लेकिन फिर भी इन पर विशेष नज़र रखने की ज़रूरत है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने शनिवार को देशभर की कोविड-19 स्थिति की समीक्षा की. मंत्रालय ने जानकारी दी कि अधिकतर मामले केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक से सामने आ रहे हैं।

अधिकारियों के अनुसार, ज़्यादातर संक्रमण हल्के स्तर के हैं और मरीजों को घरेलू आइसोलेशन में रखा गया है. अस्पताल में भर्ती होने वाले मामलों की संख्या फिलहाल बहुत कम है, जो एक राहत की बात है।

नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह

हालांकि वेरिएंट्स की गंभीरता अभी चिंता का विषय नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों और सरकार का मानना है कि लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

मास्क पहनना, भीड़ से बचना और हाथों की स्वच्छता जैसे कोविड उपयुक्त व्यवहार को अपनाना अब भी जरूरी है।

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