महाराष्ट्र। विधानसभा चुनावों के नतीजे साफ होते नजर आ रहे हैं. महायुति गठबंधन, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना (शिंदे गुट) शामिल हैं, 150 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं, महाअघाड़ी गठबंधन 100 सीटों का आंकड़ा छूने में भी नाकाम रहा है।
अब सवाल यह उठता है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर किसका कब्जा होगा? यह सवाल इसलिए भी अहम है क्योंकि गृहमंत्री अमित शाह ने चुनावों से पहले एक बयान में कहा था कि मुख्यमंत्री का चयन चुनाव परिणाम आने के बाद ही किया जाएगा. ऐसे में अटकलों का बाजार गर्म है, लेकिन बीजेपी के लिए यह सवाल इतना कठिन नहीं दिख रहा।
महायुति गठबंधन में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है. अभी तक के रुझानों के मुताबिक, बीजेपी 86 सीटें जीतने की ओर बढ़ रही है, जबकि शिवसेना (शिंदे गुट) के खाते में 35 सीटें जाती दिख रही हैं. दूसरी ओर, महाअघाड़ी गठबंधन, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस, और एनसीपी शामिल हैं, की स्थिति मजबूत नहीं है. चुनावी नतीजों के पहले ही बीजेपी के मुख्यालय के बाहर देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के पोस्टर लग चुके थे. यह संकेत था कि बीजेपी अपने फैसले को लेकर काफी हद तक स्पष्ट है।
देवेंद्र फडणवीस का नाम आगे क्यों?
देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र की राजनीति का जाना-माना चेहरा हैं. वे पहले भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं और पिछली महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में काम किया. उनके नेतृत्व में बीजेपी ने महाराष्ट्र में मजबूत पकड़ बनाई है. उनका पिछला कार्यकाल बताता है कि वे निर्णय लेने में तेज़, पार्टी को आगे रखने वाले और विकास को प्राथमिकता देने वाले नेता हैं. महाराष्ट्र के किसानों के लिए कर्ज माफी योजना हो या मुंबई में मेट्रो प्रोजेक्ट्स की गति, फडणवीस का नाम हर जगह आता रहा है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि मुख्यमंत्री का चयन चुनाव परिणाम के बाद किया जाएगा. लेकिन मौजूदा हालात को देखकर यह साफ है कि बीजेपी का दावा इस पद पर मजबूत है. शिवसेना (शिंदे गुट) के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है कि वह मुख्यमंत्री पद की दावेदारी कर सके. ऐसे में बीजेपी के पास देवेंद्र फडणवीस के अलावा कोई और मजबूत विकल्प नहीं दिखता।
महाअघाड़ी गठबंधन के नेता उद्धव ठाकरे, जो पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं, इस बार पीछे रह गए. उनके गुट के पास ना तो पर्याप्त सीटें हैं और ना ही वह जन समर्थन जो उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ में खड़ा कर सके. यह हार शिवसेना (ठाकरे गुट) के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है. उद्धव ठाकरे के समर्थकों ने भी चुनाव परिणाम से पहले मुख्यमंत्री बनने के पोस्टर लगाए थे, लेकिन अब यह एक दूर की कौड़ी लग रही है।
क्या होगा आगे?
यदि रुझान नतीजों में बदलते हैं, तो देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की संभावना सबसे प्रबल है. महाराष्ट्र की जनता ने महायुति पर भरोसा जताया है, और यह गठबंधन अब राज्य को स्थिरता और विकास की ओर ले जाने के लिए तैयार दिखता है।
महाअघाड़ी गठबंधन के नेता उद्धव ठाकरे, जो पहले मुख्यमंत्री रह चुके हैं, इस बार पीछे रह गए. उनके गुट के पास ना तो पर्याप्त सीटें हैं और ना ही वह जन समर्थन जो उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ में खड़ा कर सके. यह हार शिवसेना (ठाकरे गुट) के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है. उद्धव ठाकरे के समर्थकों ने भी चुनाव परिणाम से पहले मुख्यमंत्री बनने के पोस्टर लगाए थे, लेकिन अब यह एक दूर की कौड़ी लग रही है।
क्या होगा आगे?
यदि रुझान नतीजों में बदलते हैं, तो देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की संभावना सबसे प्रबल है. महाराष्ट्र की जनता ने महायुति पर भरोसा जताया है, और यह गठबंधन अब राज्य को स्थिरता और विकास की ओर ले जाने के लिए तैयार दिखता है।
देवेंद्र फडणवीस के सीएम बनने की अटकलों पर मुहर लगने में अब ज्यादा समय नहीं लगेगा. यह देखना दिलचस्प होगा कि उनकी नई सरकार राज्य के सामने खड़ी चुनौतियों से कैसे निपटती है।