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सरोवर नगरी में चंपावत के भगवान गोलू देवता की यात्रा नैनीताल पहुंची

रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला

नैनीताल। भगवान गोल्जयू संदेश यात्रा डी एस मैदान में पहुची। यात्रा पहुंचने पर भक्त जनों ने उनका स्वागत किया।
भगवान गोल देवता की यात्रा 4 नवंबर को शुरू हुई। गोल्जयू संदेश यात्रा ने उत्तराखंड के 50 पड़ाव और 3200 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद नैनीताल पहुंची। संदेश यात्रा का उद्देश्य राज्य की एकता को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक धरोहर को जागरूक करना हैं।

गोलू संदेश यात्रा 2 साल में एक बार आयोजित होती है। नैनीताल के बाद घोड़ाखाल और देवीधुरा के पड़ाव से होते हुए 24 नवंबर को यात्रा संपन्न होगी गोलू संदेश यात्रा नैना देवी मंदिर में पूजा अर्चना की बाद ठंडी सड़क गोलू देवता के मंदिर में मैं पहुंची।

गोलू मंदिर के स्थापक भीम सिंह कार्की और विमल चौधरी ने उनका स्वागत किया। वहां पहुंचने पर भगवान गोल्जयू देवता पूजा अर्चना के साथ भगवान गोलू संदेश यात्रा घोड़ाखाल को प्रस्थान हुई।

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विजय भट्ट ने कहा अगर हम संदेश की जो बात करते हैं। हमें इसी बात से अनुमान लगा सकते हैं कि उत्तराखंड जो साक्षर देवी देवताओं का वास है आज के समय में जो धर्म के नाम पर या संस्कृति के नाम पर बड़ी-बड़ी इवेंट हो रहे हैं। हमारे पूर्वजों में संवाद का हमें जो मार्ग बताया है।

इस मार्ग पर हम चलते हुए जब यहां से कुमाऊं और गढ़वाल में गए तो गढ़वाल का देवता आ रहा है करके ऐसे कई स्थानों पर हजारों की संख्या में लोगों ने उसका स्वागत किया है उत्तराखंड की संस्कृति को एक सूत्र मे पिरोने का काम किया है।इस यात्रा के माध्यम से हुआ है।

इस दौरान विजय भट, श्याम सिंह कार्की, प्रतिपाल सिंह कार्की, नरेंद्र पांडे, गौरव कार्की, दीपांशु कार्की, तुषार कार्की, कमल जीना, सुनील गोस्वामी, कमल रावत, और पौड़ी से मोहन राम व भीम सिंह कार्की विमल चौधरी, त्रिभुवन सिंह , सरस्वती खेतवाल छात्र नेता आशीष कबाड़वाल मनोज जोशी, भारतीय शहिद सैनिक विद्यालय के छात्र मौजूद थे।

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