
नैनीताल में आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर तल्लीताल गांधी मूर्ति के समीप धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की
रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला
नैनीताल। अपनी 8 सूत्रीय मांगो को लेकर उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर यूनियन द्वारा मंगलवार को तल्लीताल डांठ में एकत्रित होकर। सक्रकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया और जल्द ही उनकी मांगों को पूरा करने की मांग की।
उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशाओं का कहना है कि उनका विभाग में कोई भी सम्मान नहीं है और न ही वेतन। आशाएं विभाग के सभी अभियानों और सर्वे में बिना किसी न्यूनतम वेतन और कर्मचारी के दर्जे के लगा दी गई हैं।
गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की सेवा से शुरू करते हुए आज आशा वर्कर्स को सारे काम करने पड़ रहे हैं लेकिन आपकी सरकार आशाओं को न्यूनतम वेतन तक देने को तैयार नहीं है।
आशाओं को उनके कामों के अलावा अन्य कामों में भी डाल दिया जाता है। नियम है कि आशाओं को सरकारी अस्पताल में ही डिलीवरी करवानी होती है लेकिन कई बार
सरकारी अस्पताल में डॉक्टर गंभीर स्थिति में प्राइवेट या अन्य जगह दिखाने के लिए बोलते हैं। और जब आशा प्राइवेट में जाती ही तो उनके खिलाफ जांच बिठा दी जाती है। ये बंद होना चाहिए।
यूनियन की अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि की सरकार द्वारा जो श्रम कोड लागू होगा उसमे महिला कामदारों के लिए ओर दिक्कत आने वाली हैं सरकार पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार 3 से 4 हज़ार वेतन देती है उसमें भी समय से उनका वेतन नही दिया जाता।
कहा कि सरकार अपने सांसदों व अपने विधायको की पेंशन बढ़ रही है लेकिन जो गरीब महिलाये है अपने घरों से निकलकर काम कर रही है उन्हें ओर अधिक परेशान किया जा रहा है।
कहा कि वह आशाओ की मांगो को पूरा करे अन्यथा अपने पदों से इस्तीफा दे।