‘कृपासिंधु बोले
मुसुकाई, सोइ करु जेहिं तव नाव न जाई’
रिपोर्टर – अजय वर्मा
हल्द्वानी। रामलीला मैदान मैं आज दिन की लीला में राम केवट संवाद दशरथ मरण भारत के कई संवाद भारत में लाभ की लीला का मंचन विकास उसका दर्द शास्त्री के द्वारा कराया गया आज राम केवट संवाद का बहुत ही सुंदर वर्णन व्यास जी द्वारा किया गया।
रामलीला ग्राउंड में दिन की लीला के निर्देशक अमित जोशी जी एवं तनुज गुप्ता द्वारा बहुत सुंदर सरयू नदी नव का की झांकी का निर्माण कराया गया जिसमें भगवान राम को केवट द्वारा सरयू नदी पार कराई जाती है।
केवट भगवान श्री राम से कहता है कि प्रभु आपके पैरों के धूल से एक पत्थर की शिला महिला बन जाता है मेरी नाव तो लकड़ी की है इसका जाने क्या होगा मेरी तो ये रोजी रोटी है।
मुझे आप केवल अपने चरण धोने की अनुमति दे दें ,जिससे मेरी नाव भी कहीं कोई महिला या कुछ और ना बन जाए तब श्री राम जी केवट से मुस्कुरा कर कहते हैं कि आप वही करो जिससे आपकी नाव न जाए।
‘कृपासिंधु बोले
मुसुकाई, सोइ करु जेहिं तव नाव न जाई’ इस प्रकार केवट ने भगवान से भव सागर से पार जाने का वरदान मांग लिया।
आज व्यास पूजन अजय राजौर, नवीन वर्मा, विपिन बंसल, बासु बिष्ट ने किया
अतिथि योगेश जोशी, नवीन वर्मा,रामौतार राजौर, प्रदीप गोयल आदि रहे।
संचालन समिति से बिन्देश गुप्ता साकेत अग्रवाल, प्रेम गुप्ता,प्रदीप जनौटी, मनोज गुप्ता , पंकज कपूर ,तरंग अग्रवाल, आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। रामलीला में सीमा देवल, संजय गोयल,नंदिनी देवल
पटवा महिला समिति से
सीमा देवल जी
प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल महिला प्रकोष्ठ
अध्यक्ष श्रीमती कुसुम डिगारी,आकृति समिति
अध्यक्ष श्रीमती कुसुम डिगारी ,श्री श्याम सेवक मंडल समिति, महावीर महिला समिति अध्यक्ष श्रीमती अलका ने सेवा दी।
रात्रि लीला में आज मारीच सुबाहु वध अहिल्या उद्धार प्रथम अमराई विश्राम की लीला का मंचन हुआ।