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धारचूला-मुनस्यारी में बर्फबारी, जल स्रोत जमने से बढ़ी मुश्किलें; कड़ाके की ठंड से बढ़ी ठिठुरन

रिपोर्टर गोविंद राना

पिथौरागढ़। जिले में मौसम ने फिर से करवट बदली है। जिले के विभिन्न हिस्सों में बारिश और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में मौसम का दूसरा हिमपात हुआ। ऐसे में चोटियां बर्फ से लकदक हो गईं। बारिश और बर्फबारी से तापमान गिरा तो पूरे जिले में कड़ाके की ठंड से लोग बेहाल हैं।

चीन सीमा से सटे मुनस्यारी के मिलम, बुगड़ियार जबकि धारचूला के दारमा, व्यास घाटियों में छह इंच से एक फुट बर्फ गिरने से जल स्रोत पूरी तरह जम गए हैं इससे यहां पेयजल का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में यहां के लोगों और सीमा पर डटे सैनिक बर्फ पिघलाकर पानी की जरूरत को पूरा कर रहे हैं।

सीमांत जिले में बीते सोमवार देर शाम मौसम का मिजाज बदल गया। धारचूला और मुनस्यारी के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हुई जो दूसरे दिन भी जारी रही। मुनस्यारी के कालामुनी, बलाती में एक से दो इंच, मिलम, बुगडियार में तीन से छह इंच जबकि धारचूला के दारमा और व्यास घाटी में छह इंच से एक फुट बर्फ गिरी।

वहीं मंगलवार सुबह जिला मुख्यालय सहित मुनस्यारी, धारचूला, कनालीछीना, नैनीपातल आदि हिस्सों में हल्की बारिश हुई। निचले इलाकों में बारिश और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद तापमान गिरने से पूरे जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और शीतलहर का प्रकोप जारी है। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव, ब्लोवर, हीटर और गर्म कपड़ों का सहारा लेने के लिए मजबूर हैं।

दारमा, व्यास घाटी के साथ ही मिलम, बुगडियार में बर्फबारी के बाद तापमान माइनस पांच से माइनस 19 पहुंच गया है इससे जल स्रोत पूरी तरह जम गए हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में लोगों और सीमा पर डटे सैनिकों के सामने जल संकट पैदा हो गया है और वे पानी के लिए बर्फ पिघलाने को मजबूर हैं।

हालांकि बर्फबारी के बाद काली पड़ चुकी हिम श्रृखंलाओं में रौनक लौटी है और ये फिर से बर्फ से ढक गई हैं। बर्फ से लकदक हुई चोटियों को देख पर्यावरण प्रेमियों के साथ ही पर्यटकों में खुशी है। दारमा और व्यास घाटियों में पहुंचे पर्यटकों ने बर्फबारी का जमकर आनंद उठाया और बर्फ देख वे खुशी से झूम उठे।

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