इस बार बैंक कर्मचारियों के लिए दिवाली की छुट्टियां कोई खास नहीं रही।
शनिवार और रविवार को धनतेरस और दिवाली के कारण नहीं मिल पाया छुट्टियों का लाभ ।
अन्य प्रदेशों से नौकरी करने वाले बैंक कर्मचारियों के लिए परेशानी भरी रही दिवाली।
आवागमन करने में ही निकल गई दिवाली, सकून से नहीं माना पाये दिवाली।
भैया दूज पर छुट्टी की आस लगाए बैंक कर्मचारी के हाथ लगी निराशा, हर्षोल्लास के साथ नहीं मना पाये दिवाली व भैया दूज ।
हल्द्वानी। दीपावली पर्व पर इस बार बैंक कर्मचारियों के लिए निराशा भरी रही। भैया दूज पर छुट्टी की टकटकी लगाई बैठे, बैंक कर्मचारी शाम तक सरकारी छुट्टी के आदेश का इंतजार करते रहे। अंत में बैंक कर्मचारियों के हाथ निराशा ही हाथ लगी।
इस बार दिवाली का पर्व महीने के दूसरे शनिवार और रविवार को पढ़ने की कारण कई बैंक कर्मचारियों को छुट्टियों का नुकसान उठाना पड़ा।
वही दूसरी तरफ उत्तराखण्ड के दूर दराज के क्षेत्र में नौकरी करने वाले बैंक कर्मचारी और दूसरे राज्यों के मूल निवासी कर्मचारियों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
जहां एक तरफ बस में मारामारी और ट्रेन में रिजर्वेशन नही मिल पाने की वजह से कई बैंक कर्मचारियों अपने परिवार और नाते रिश्तेदारों से मिलने से वंचित रहे।
वही कई बैंक कर्मचारियों को रात्रि में ट्रेन का रिजर्वेशन ना मिल पाने की वजह से दिन में सफर करना पड़ा ऐसे हालात में उनके दो दिन त्यौहार के ऐसे ही आवागमन में व्यतीत हो गये।
बैंक कर्मचारियों ने इसी भाग दौड़ में ही त्यौहार मनाया, भैया दूज पर बैंक कर्मचारी सरकारी छुट्टी के आदेश का इंतजार करते रहे, अंत में बैंक कर्मचारियों के हाथ निराशा ही लगी।
उत्तराखंड में कई बैंक कर्मचारी उत्तर प्रदेश और अन्य प्रदेश से यहां नौकरी करते हैं। कई कर्मचारी उत्तराखंड के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में ड्यूटी का निर्वहन कर रहे है। दूसरी ओर कई महिला बैंक कर्मचारी को दोहरी मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
कई महिला बैंक कर्मचारियों उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से आकर अपने बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ नौकरी भी कर रही हैं ।
ऐसी महिला कर्मचारियों को इस दीपावली पर्व पर काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। एक कर्मचारियों ने नाम न बताने की शर्त पर अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने ने बताया कि इस बार दिवाली का पर्व दूसरे शनिवार और रविवार को पढ़ने के कारण उन्हें दिवाली पर छुट्टी नहीं मिल पायी।
जिसे वह अपने मूल निवास जो कि दूसरे राज्यों से संबंध रखते हैं, उनकी दिवाली निराशाजनक रही, उन्हें इस दिवाली में भाग दौड़ की सिवाय त्यौहार को आनंदपूर्वक मनाने का मौका नहीं मिला।
वही एक हल्द्वानी निवासी बैंक कर्मचारियों की नियुक्ति चेन्नई में होने के कारण उन्हें भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। छुट्टी न मिल पाने की वजह से ट्रेन का रिजर्वेशन कैंसिल करना पड़ा ,बस का रिजर्वेशन भी कैंसिल करना पड़ा फिर उन्हें बाय फ्लाइट आना पड़ा।
हल्द्वानी से उनके परिजन उन्हें लेने दिल्ली पहुंचे , मुश्किल से वह अपने परिजनों के साथ एक दिन भी त्यौहार नहीं मना पाए। ऐसे कई अनेक बैंक कर्मचारी हैं, जिन्हें इस बार दिवाली पर्व पर काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
भैया दूज के पर्व पर महिला बैंक कर्मचारियों में निराशा रही, वह मंगलवार की रात तक सरकार की तरफ से छुट्टी का इंतजार करते रहे।
आखिरकार उन्हें निराशा ही हाथ लगी, बैंक कर्मचारियों को यह कहते सुना गया कि इस बार भैया दूज नहीं बना पाएंगे।
अन्य विभागों में जहां भैया दूज पर अवकाश है। वहीं भैया दूज पर आज सभी बैंक खुले हुए हैं। जिससे बैंक कर्मचारियों में निराशा का भाव जागृत होना लाजिमी है।
बैंक कर्मचारियों का कहना था कि आखिर सरकार को त्योहारों पर बैंक कर्मचारियों की छुट्टियों पर भी गौर करना चाहिए, जिससे कि बैंक कर्मचारी भी खुशी से अपने परिवार के साथ दिवाली मना सके।