निकाय चुनाव को लेकर जल्द ही सस्पेंस खत्म हो सकता है। 15 दिसंबर तक सरकार निकाय चुनाव कराने को लेकर अधिसूचना जारी कर सकती है। सूत्रों का दावा है कि सरकार की और से इसको लेकर तैयारियां तेज कर दी गई है।
जिसके बाद सियासी दलों ने भी अपने स्तर से तैयारियां शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि 15 दिसंबर के बाद कभी भी चुनाव हो सकते हैं। पहले निकाय और अब पंचायतों को प्रशासकों के हवाले करने के बाद से सरकार को विपक्ष का विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
उत्तराखंड शासन ने ओबीसी आरक्षण लागू करने संबंधी अध्यादेश राजभवन को भेजा है, जिस पर इस सप्ताह राजभवन मंजूरी दे सकता है। अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद ओबीसी आरक्षण की नियमावली पर निर्णय होगा।
उत्तराखंड में नगर निकायों की संख्या 105 है, जिनमें से बदरीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री में चुनाव नहीं होते। शेष 102 निकायों में चुनाव के दृष्टिगत परिसीमन, निर्वाचन क्षेत्रों का निर्धारण और मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्य हो चुका है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निकायों में ओबीसी के लिए आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण होना है। इस संबंध में गठित एकल समर्पित आयोग अपनी रिपोर्ट भी शासन को सौंप चुका है।
ओबीसी आरक्षण निर्धारण के सिलसिले में पूर्व में सरकार ने अध्यादेश के जरिये निकाय अधिनियम में संशोधन किया था। जब यह अध्यादेश विधेयक के रूप में विधानसभा के सत्र में रखा गया तो नगर निगम अधिनियम पारित नहीं हो पाया था।
फिर यह प्रकरण विधानसभा की प्रवर समिति को सौंप दिया गया। प्रवर समिति ने इस विषय पर अध्ययन जारी रखने के साथ ही संस्तुति की कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर निकाय चुनाव कराए जाएं।
ये विधेयक अब राजभवन में है। जिसको अनुमति मिलते ही चुनाव की तस्वीर साफ होगी। जो कि इसी हफ्ते होने की उम्मीद है।