भीमताल/रामगढ़। राजनीति विज्ञान परिषद के तत्वावधान में महाविद्यालय रामगढ़ में समान नागरिक संहिता पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिसमें मुख्य वक्ता महाविद्यालय की राजनीति विज्ञान की प्राध्यापिका नीमा पंत ने समान नागरिक संहिता की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, उत्तराखंड राज्य द्वारा अपनाए गए यू सी सी में महत्वपूर्ण प्रावधान जैसे विवाह, तलाक, गोद लेने, भरण पोषण, उत्तराधिकार ,विरासत आदि पर विस्तार से अपने विचार रखें ।
समाज पर भावी समय पर यूं सी सी के प्रभाव व आगे की राह पर विस्तृत पर चर्चा की। वरिष्ठतम प्रोफेसर माया शुक्ला ने यूं सी सी के साथ साथ भारतीय ज्ञान और परंपरा पर व्यापक विचार रखें।
उनका मानना था कि यदि हम भारतीय ज्ञान परंपरा, वेद, नैतिक साहित्य, नैतिक कथाएं, और वेदों की ओर लौटे तो काफी हद तक हम अपने जीवन को संयमित और संतुलित कर सकते हैं ।
उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं से मानवीय मूल्यों को अपनाने का आह्वान किया। डॉ संध्या गढ़कोटी ने देश की विविधता को ध्यान में रखते हुए यूं सी सी को समझदारी से अपनाने की बात कही।
डॉ हरीश चंद्र जोशी ने वर्तमान यूं सी सी में निहित प्रमुख प्रावधानों पर चर्चा के साथ ही यह भी बताया कि महिला सशक्तिकरण की राह में यू सी सी मील का पत्थर सिद्ध होगा एवम लीव इन रिलेशन को मान्यता देना विवाह नामक संस्था को कमजोर कर सकता है।
डॉ हरेश राम ने विभिन्न धर्म, संप्रदाय ,वर्ग व जातियों की मान्यताओं व आस्था को सम्मान देने और सभी को विश्वास में लेने को आवश्यक बताया।
प्राचार्य व संरक्षक प्रोफेसर नगेंद्र द्विवेदी ने विद्यार्थियों को यूं सी सी का अध्ययन करने पर बल दिया साथी छात्र-छात्राओं से आह्वान किया कि वह अपनी संस्कृति ,संस्कारों और अपनी जड़ों से जुड़े रहें ।
इस अवसर पर विभिन्न छात्र-छात्राओं नित्या, तनुजा, मनीषा ने भी अपने तर्कसंगत विचार रखें।
कार्यक्रम का संचालन और संयोजन डॉक्टर नीमा पंत ने किया ।
इस अवसर पर कविंद्र प्रसाद, हिमांशु बिष्ट, सुश्री दीप्ति ,कुंदन गोस्वामी ,कमलेश डोभाल, गणेश बिष्ट ,प्रेम भारती सहित समस्त छात्राएं उपस्थित रही ।
