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उत्तराखण्ड़ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाने को लेकर   ओखलकांडा प्रधान संगठन के अध्यक्ष निर्मल मटियाली के नेतृत्व में प्रधानों ने खंडविकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री धामी को संबोधित ज्ञापन सौंपा

भीमताल/ओखलकांडा।  ” एक देश-एक चुनाव” की भावनाओं को फलीभूत करते हुए एक राज्य एक पंचायत चुनाव” उत्तराखंड में लागू किए जाने के संदर्भ में प्रधानों ने खंडविकास अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री धामी को संबोधित ज्ञापन सौंपा

उत्तराखंड में हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जनपदों का त्रिस्तरीय पंचायत का चुनाव 2024- 25 में किया जाना प्रस्तावित है। माननीय प्रधानमंत्री जी की पहल के बाद पूर्व राष्ट्रपति महोदय की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने “एक देश एक चुनाव’ पर अपनी सिफारिश भारत सरकार के पास जमा कर दी है। माननीय प्रधानमंत्री जी की इस पहल का हम उत्तराखंड के समस्त निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधि स्वागत करते है।

उत्तराखंड में “एक राज्य एक पंचायत चुनाव” के लिए हम लंबे समय से संघर्ष कर रहे है। उत्तराखंड के 12 जनपदों के पंचायत चुनाव हरिद्वार जनपद के साथ इस विजन को पूरा करने के लिए किया जाना अति महत्वपूर्ण है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जी से विशेष अनुरोध है कि माननीय प्रधानमंत्री जी के पहल को सफल बनाने के लिए उत्तराखंड में “एक राज्य एक पंचायत चुनाव” के सिद्धांत को लागू करना आवश्यक है।

उत्तर प्रदेश राज्य के दौरान दिनांक 23 नवम्बर वर्ष 1996 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत का चुनाव हुआ था। जिसका कार्यकाल 23 नवम्बर 2001 को समाप्त हो रहा था।

वर्ष 2001 में तत्कालीन राज्य सरकार ने अधिसूचना के माध्यम से 1 वर्ष 3 माह 28 दिन का कार्यकाल बढ़ाते हुए निर्वाचित प्रतिनिधियों को ही पंचायतों में कार्य करने का अवसर दिया है।

कार्यकाल बढ़ाने के लिए अधिसूचना लाया गया। इस अधिसूचना को ucc की तर्ज पर महामहिम राष्ट्रपति से हस्ताक्षरित कर आगे बढ़ाया जा सकता है। देश के विभिन्न राज्यों में पंचायत का कार्यकाल बढ़ाने के लिए लिए अध्य अध्यादेश लाया  गया है। और निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को कार्य करने का अवसर प्रदान किया गया है।

आप भलीभाँति समझते है। ते है कि वर्ष 2019 में गठित त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यकाल में कोविड-19 महामारी के कारण दो वर्ष तक विकास कार्य के लिए कोई बजट नहीं आया।

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पंचायतों की बैठक तक नहीं हो पाई। इस कारण महामारी के इस दो वर्ष के कार्यकाल को पंचायतों के पांच वर्ष के कार्यकाल के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है।

महामारी को रोकने के लिए त्रिस्तरीय पंचायतों का अविस्मरणीय योगदान रहा है। आपसे अनुरोध है कि उत्तराखंड के 12 जनपदों के त्रिस्तरीय पंचायतों का चुनाव हरिद्वार जनपद के साथ कराए जाने हेतु राज्य सरकार समन्वय स्थापित करते हुए तत्काल निर्णय लेने का कष्ट करेंगे।

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