हल्द्वानी। एचएमटी रानीबाग की जमीन पर एम्स दिल्ली के सेटेलाइट सेंटर का मामला अधर में लटक गया है। इस जमीन का सिडकुल बनाने को लेकर अनुबंध हो जाने के बाद अब एम्स के सेटेलाइट सेंटर के लिए नई जमीन की तलाश की जा रही है।
बीती 4 नवंबर को सल्ट में हुए भीषण बस हादसे के 9 घायलों को यहां डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल लाया गया था। एसटीएच में पर्याप्त सुविधाओं के अभाव के चलते इनमें 7 मरीजों को एम्स ऋषिकेश रेफर करना पड़ा।
इससे कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की वास्तविक स्थिति भी सामने आ गई। इधर, कुमाऊं के मरीजों को समय से उचित और उच्चस्तरीय इलाज मिल सके इसके लिए एचएमटी रानीबाग की जमीन पर एम्स दिल्ली का सेटेलाइट सेंटर खोलने का मामला भी अधर में लटक गया है।
इस जमीन पर सिडकुल खोलने को लेकर राज्य सरकार का करार हो चुका है। बता दें कि एचएमटी रानीबाग की जमीन पर सेटेलाइट सेंटर खोलने को लेकर पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद अजय भट्ट की एम्स दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) श्रीनिवासन से वार्ता हुई थी।
शुरुआती दौर की बातचीत में निदेशक ने यहां सेंटर खोलने के लिए हामी भरी थी। इस मामले में सांसद भट्ट ने इसी साल जनवरी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भी सौंपा था। सल्ट के बस हादसे के बाद घायलों की इलाज को लेकर पैदा हुए हालात को देखकर एम्स के सेटेलाइट सेंटर की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है।
विधायक भगत ने की थी एम्स बनाने की मांग
उत्तराखंड सरकार के काबीना मंत्री एवं मौजूद कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत ने भी एचएमटी रानीबाग की जमीन पर एम्स खोलने की मांग को पुरजोर ढंग से उठाया था।
उन्होंने इस मामले में 22 मई 2021 को तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को एक प्रस्ताव भी सौंपा था।
उसमें उल्लेख किया था एचएमटी रानीबाग की फैक्ट्री लंबे समय से बंद है। इसमें सैकड़ों कमरे हैं। कई बड़े हॉल हैं। कुमाऊं से गंभीर मरीजों को इलाज के लिए ऋषिकेश एम्स जाना पड़ता है। कई बार वहां पहुंचने से पहले ही मरीज जान गंवा देते हैं। इस मामले में तीरथ सिंह रावत ने 7 जून 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी।
देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल भी एचएमटी रानीबाग की जमीन पर एम्स खोलने की मांग उठा चुका है। मई 2021 में व्यापार मंडल के कुमाऊं मंडल अध्यक्ष जीवन सिंह कार्की के नेतृत्व में व्यापारियों ने तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश को ज्ञापन देकर इस जमीन पर एम्स खुलवाने की मांग की थी।
वहीं कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों के संगठन कूटा के अध्यक्ष डॉ. ललित तिवारी समेत 10 प्राध्यापकों ने कुमाऊं में बेहतर एवं उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए एचएमटी रानीबाग वाली जगह पर एम्स खोलने के लिए मई 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पत्र लिखा था।