शहीद सम्मान समारोह एवं कैरियर काउंसलिंग उत्तरायणी संस्था, दिल्ली के सहयोग से राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत मे की गई कैरियर काउंसलिंग ।
रिपोर्ट- बलवन्त सिंह रावत
रानीखेत। स्वर्गीय श्री जय दत्त वैला राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत के सभागार मे कैरियर काउंसलिंग प्रकोष्ठ के तत्वाधान में “शहीद सम्मान समारोह ” का आयोजन किया गया।
इसमें उत्तरायणी संस्था, दिल्ली का सहयोग रहा और संस्था से जुड़े सदस्य जे सी पंत सेवानिवृत्ति अतिरिक्त सचिव भारत सरकार, वीर श्रीधर पोखरियाल सेवानिवृत्ति डी.आई.जी. सी.आर.पी.एफ., कांती बल्लभ धौलाखंडी सेवानिवृत्ति वरिष्ठ मंडल प्रबंधक ओरिएंटल इंश्योरेंस और सेवानिवृत कर्नल गोविंद सिंह बिष्ट विशिष्ट अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।सर्वप्रथम अतिथियो सहित प्रोफेसर पुष्पेश पाण्डेय प्रधानाचार्य ने सयुंक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
बता दें कि इस शहीद सम्मान समारोह में रानीखेत तहसील के आसपास के आठ वीर शहीदों के परिवारों को शाल उड़ाकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही उत्तरायणी संस्था दिल्ली से आए विशेषज्ञों ने महाविद्यालय के छात्र-छात्राओ को कैरियर संबंधी गुर भी सिखाए।
इस सम्मान समारोह के कार्यक्रम का उद्घघाटन सरस्वती वंदना और स्वागत गीत के साथ हुआ तथा महाविद्यालय की तरफ से आए हुए आगंतुकों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।
समारोह में आए शहीदों के परिजन अपने परिजनों के बलिदान में गर्व करते हुए देश की सेवा को सर्वोपरि बताया। समारोह में देश मे शहीदों को याद करते हुए वीर शहीद जवान के परिजनों को सम्मानित किया गया।
जिसमे शहीद संजय बिष्ट, 19 पैरा फोर्स 2023 मे राजौरी कालाकोट ऑपरेशन रक्षक, शहीद बृजेश रौतेला, 7 कुमाऊँ 2021 मे सिक्किम, शहीद मदन सिंह, 17 कुमाऊँ 2023 मे सिक्किम, शहीद जीवन सिंह बिष्ट 15 कुमाऊँ 2009 मे कारगिल जम्मू कश्मीर व शहीद बच्चे सिंह 6 कुमाऊँ 1962 मे चीन वार, दीपक सिंह कुवार्बी 48 जम्मू 2024 में कारगिल जम्मू कश्मीर, राजेन्द सिंह 19 कुमाऊँ 1984 में सियाचिन ग्लेशियर ऑपरेशन मेघदूत, शहीद भोपाल सिंह रौतेला 15 कुमाऊँ 1965 में कारगिल जम्मू कश्मीर के परिजनों को सम्मानित किया गया।
अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर पुष्पेश पांडे ने उत्तरायणी संस्था के सदस्यों तथा शहीदों के परिजनो का आभार व्यक्त किया। संपूर्ण कार्यक्रम का संयोजन महाविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर पी एन तिवारी के निर्देशन में हुआ।
मुख्य अतिथि वीर श्रीधर पोखरियाल ने बताया कि मैं सीआरपीएफ से डीआईजी के पद पर रिटायर हुआ हूं। लेकिन समय समय पर हमेशा ये दृढ़ इच्छा रहती थी कि हमारे उत्तराखंड का विकास किस तरह से हो, हमारे उत्तराखंड के बच्चों को हम कुछ ज्ञान दें।
इसी मोटिव को लेकर हम हमेशा आगे बढ़ते रहे। हमारी एक संस्था है, उत्तरायणी नाम की दिल्ली में, इसी के बैनर तले हम आज यहां पर आए है, यह सोच के कि जो हम लोगों ने अपने बचपन में सीखा, फिर उसके बाद जीवन में कमाया, फिर उसके बाद आज रिटायरमेंट के बाद उस शिक्षा का उस पैसे का कुछ भाग हम अपने बच्चों को दे सकें।
जिससे कि हमने उन्नति करी, ये बच्चे भी वैसे ही उन्नति करें। इसी ध्येय को लेकर हम आज रानीखेत में आएं हैं। प्रिंसिपल पाण्डेय जी और बाकी शिक्षकों से वार्ता करने के बाद आज मैं, धौलाखंडी जी, जेसी पंत और कर्नल बिष्ट हम चार लोग यहां पर आए हैं।
सिर्फ ये बात करने के लिए कि हमारे पास तो कुछ भी नहीं था, हम तो नंगे पैर पढाई के लिए जाते थे। उन्होने कहा कि उस समय लाइट भी नहीं थी।
हमे जो पढ़ाई करनी होती थी, उसे हम दिन में ही पढ़ लेते थे, और मां के साथ में घास चराने भी जाते थे, लेने भी जाते थे। जिस दिन घास लेने नहीं गए, या कोई कमी रह गई, उस दिन मार भी खाते थे, कंडाली भी खाई है हमने।
श्रीधर पोखरियाल ने कहा कि आजकल के बच्चों के लिए हमारी तो यही शिक्षा है, कि जब तक आपने कोई लक्ष्य तय नहीं किया और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जी तोड़ मेहनत नहीं की, इस समय जी तोड़ मेहनत करना बहुत जरूरी है। लक्ष्य कैसे प्राप्त किया जाए वो रास्ता दिखाने के लिए हम आज यहां पर आए है।
इस अवसर पर डॉक्टर महराज सिंह माहरा, डॉक्टर दीपा पांडे, डॉंक्टर दीपा पांडे, डॉंक्टर प्राची जोशी, डॉंक्टर निर्मला जोशी, डॉक्टर निर्मला जोशी, डॉंक्टर प्रसून जोशी, डॉक्टर शंकर कुमार, डाँक्टर बरखा रौतेला, डॉंक्टर निधि पांडे, डॉंक्टर नमिता मिश्रा, डॉंक्टर सुमिता गढ़कोटी, डॉंक्टर पारूल बोरा, राधिका देवी, बिमला देवी, संजय बिष्ट, दलबीर सिंह रौतेला, भूपाल सिंह बिष्ट, कॉलेज कर्मचारीगण सहित सभी छात्र-छात्राए उपस्थित रहे।
मंच संचालन डॉक्टर पारुल भारद्वाज द्वारा किया गया।