चार धाम यात्रा 2025 को लेकर अब काउंटडाउन शुरू हो गया है। 30 अप्रैल से यात्रा शुरू होगी। अब तक 17 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए पंजीकरण करा लिए हैं। सरकार को उम्मीद है कि इस बार अधिक संख्या में यात्री दर्शन के लिए पहुंचेंगे।
ऐसे में यात्रा के दौरान पूरे सिस्टम को सही तरह से संचालन की चुनौती भी है।
जिसके लिए राज्य सरकार बेहतर मेनेजमेंट पर काम कर रही है। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इस बार टोकन सिस्टम को प्रभावी तरीके से लागू करने की दिशा में काम हो रहा है। जिससे केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो जाए। यात्रियों को घंटे लाइन में लगकर इंतजार न करना पड़े।
धाम में पहुंचने पर तीर्थयात्रियों को टोकन दिया जाएगा। जिसमें दर्शन करने का समय निर्धारित होगा। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने पिछले साल चार धाम यात्रा में टोकन सिस्टम को लागू किया। था।
लेकिन पिछले साल इस बार ज्यादा काम नहीं हो पाया और इसका असर भी नहीं दिखा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम में दर्शन के लिए स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम को बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं।
चार धाम यात्रा के दौरान कई बार एक दिन में ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जिससे धाम में सिस्टम गड़बड़ा जाता है। दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार करना पड़ता है।
अब टोकन सिस्टम अगर सही से काम करे तो श्रद्धालु को धाम पर पहुंचते ही टोकन मिल जाए जिस पर दर्शन का टाइम लिखा हो तो भीड़ प्रबंधन को पटरी पर लाया जा सकता है।
इसके लिए टोकन सिस्टम पर पर्यटन विभाग और मंदिर समितियों को बेहतर तरीके से काम करना होगा।
चारधाम यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। जब तीर्थयात्री धाम में पहुंचेगा तो उसे यात्रा पंजीकरण दिखाने पर टोकन मिलेगा। जिसमें दर्शन करने का समय दिया जाएगा।
चारधाम यात्रा पर आने के लिए अब तक पंजीकरण का आंकड़ा 17 लाख पार कर चुका है। इसमें केदारनाथ धाम के लिए 5.73 लाख, बदरीनाथ धाम के लिए 5.04 लाख, गंगोत्री के लिए 3.01 लाख, यमुनोत्री के लिए 2.78 लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है।
