हल्द्वानी में आयोजित ‘कुमाऊँ द्वार महोत्सव-2025’ में सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश की लोक संस्कृति, लोक कला और पारंपरिक धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत हमारी पहचान है और सरकार का लक्ष्य इसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने का है ।
उन्होंने कहा कि “प्रदेश की अस्मिता के रक्षक बनना मेरा दायित्व है, क्योंकि लोक संस्कृति ही हमारी आत्मा है ।
सीएम धामी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में ‘ऑपरेशन कलनेमि’ के माध्यम से उन तत्वों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है जो संस्कृति और परंपरा के साथ खिलवाड़ करने का प्रयास करते हैं।
उन्होंने कहा कि “हमारी संस्कृति ही हमारी शक्ति है और इसे बचाए रखना हर उत्तराखण्डवासी की जिम्मेदारी है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके नेतृत्व में सरकार लोक कलाकारों, हस्तशिल्पियों और पारंपरिक कलाओं से जुड़े लोगों को मंच और प्रोत्साहन देने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अपने लोकगीत, लोकनृत्य और पारंपरिक वेशभूषा को जीवन का हिस्सा बनाएं, जिससे उत्तराखण्ड की संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले।
कार्यक्रम के दौरान स्थानीय कलाकारों द्वारा झोड़ा, चांचरी और छपेली जैसे लोक नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन जीत लिया।
मुख्यमंत्री ने प्रदर्शन करने वाले कलाकारों को सम्मानित भी किया। इस दौरान उन्होंने स्थानी लोगों से स्वदेशी अपनाने की अपील की।












