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उत्तराखंड: ‘विदेश मंत्री’ बने धन सिंह रावत, कई देशों के दौरों पर कांग्रेस बोली- ‘जनता के पैसों की बर्बादी’ 

उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत इन दिनों अपने लगातार विदेश दौरों को लेकर सुर्खियों में हैं. स्वास्थ्य, शिक्षा और सहकारिता विभाग का जिम्मा संभाल रहे धन सिंह रावत राज्य के एकमात्र ऐसे मंत्री बन गए हैं, जिन्होंने बीते कुछ वर्षों में सबसे ज्यादा विदेशी दौरे किए हैं।

कभी सिंगापुर, लंदन, नीदरलैंड तो कभी दुबई, ताइवान और लक्षद्वीप तक धन सिंह रावत लगातार विदेश यात्राओं पर जा रहे हैं।

अब उनके इन दौरों को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी गणेश गोदियाल ने धन सिंह रावत को तंज कसते हुए ‘विदेश मंत्री’ तक करार दिया।

गोदियाल का कहना है कि मंत्री लगातार विदेश यात्राएं कर रहे हैं, लेकिन यह दौरे जनता के पैसों की बर्बादी के सिवाय कुछ नहीं दे रहे हैं. धन सिंह रावत का नाम अब उत्तराखंड सरकार में सबसे अधिक विदेशी दौरे करने वाले मंत्रियों में दर्ज हो चुका है।

उनके दौरों की सूची काफी लंबी
2023 में ताइवान दौरा: फरवरी 2023 में स्वास्थ्य विभाग की एक टीम के साथ धन सिंह रावत ताइवान यूनिवर्सिटी गई थी. वहां उन्होंने एग्जीक्यूटिव लीडरशिप प्रोग्राम में हिस्सा लिया था, ताकि स्वास्थ्य विभाग को आधुनिक तकनीकों और स्वास्थ्य प्रणाली की जानकारी मिल सके।

2024 में यूरोप दौरा: मार्च 2024 में धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ यूरोप का दौरा किया. इस यात्रा में वे पहले फिनलैंड और फिर स्विट्जरलैंड गए. वहां उन्होंने शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन किया. इस दौरान उनके साथ सचिव स्तर के अधिकारी और विभागीय टीम मौजूद थी।

लंदन और लक्षद्वीप यात्रा: मार्च 2024 में ही धन सिंह रावत ने एक अन्य सरकारी दौरे में लंदन और लक्षद्वीप की यात्रा की थी।

नीदरलैंड और सिंगापुर दौरा: मंत्री इससे पहले भी कई बार सरकारी दल के साथ नीदरलैंड, सिंगापुर, दुबई और न्यूयॉर्क जैसे देशों का दौरा कर चुके हैं।

क्या है कांग्रेस का आरोप
धन सिंह रावत के लगातार विदेश दौरों को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. गणेश गोदियाल ने तंज कसते हुए कहा, “धन सिंह रावत अब विदेश मंत्री बन गए हैं. वह एक के बाद एक विदेश यात्रा कर रहे हैं. जनता के टैक्स के पैसों से विदेश जाना कितना उचित है, यह सवाल खड़ा हो रहा है. आखिर इन दौरों का राज्य को क्या लाभ हो रहा है?”

कांग्रेस नेता का आरोप है कि धन सिंह रावत के विभागीय अधिकारियों के साथ किए जा रहे विदेश दौरों का जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं दिख रहा. उन्होंने आरोप लगाया कि ताइवान दौरे के बाद भी अधिकारियों ने 9 महीने तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी थी, जिससे यह साफ होता है कि विदेश यात्राएं सिर्फ पर्यटन बनकर रह गई हैं।

, धन सिंह रावत का कहना है कि उनके विदेश दौरे राज्य के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए विदेशी दौरे किए गए हैं. धन सिंह रावत का कहना है, “उत्तराखंड की शिक्षा प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाने के लिए हमने यूरोप में शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन किया है. स्वास्थ्य क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाने के लिए ताइवान और अन्य देशों का दौरा किया गया है. ये दौरे राज्य की जनता के हित में हैं।

विपक्ष का आरोप है कि राज्य पहले ही कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है और सरकार के मंत्री लगातार विदेश दौरे कर रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि राज्य की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद सरकारी धन को विदेश यात्राओं पर खर्च किया जा रहा है।

गणेश गोदियाल ने कहा, “राज्य की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. कर्ज में डूबे उत्तराखंड में मंत्री और अधिकारी लगातार विदेश यात्राएं कर रहे हैं. इन यात्राओं का राज्य को कोई फायदा नहीं हो रहा है. ये सिर्फ जनता के पैसों की बर्बादी है।”

विदेश दौरों को लेकर जनता में भी नाराजगी देखने को मिल रही है. लोगों का कहना है कि जब राज्य में स्वास्थ्य, शिक्षा और सहकारिता की स्थिति खराब है, तब मंत्री का बार-बार विदेश जाना सही नहीं है. स्थानीय निवासी महेश बिष्ट का कहना है, “मंत्री जी विदेश घूमने जा रहे हैं, लेकिन यहां अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं. स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं. ये कैसी नीति है?”

धन सिंह रावत के लगातार विदेश दौरे अब राजनीतिक मुद्दा बन गए हैं. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है।

वहीं, भाजपा सरकार का कहना है कि मंत्री का दौरा पूरी तरह से विभागीय उद्देश्यों के लिए किया गया है, न कि व्यक्तिगत हित के लिए. उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का विदेश दौरा अब विवादों में घिर गया है।

लगातार विदेश यात्रा करने के कारण वे ‘विदेश मंत्री’ के रूप में चर्चित हो गए हैं. कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाते हुए इसे जनता के पैसों की बर्बादी करार दिया है।

वहीं, धन सिंह रावत का दावा है कि ये दौरे राज्य के स्वास्थ्य, शिक्षा और सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने के लिए हैं. अब यह देखना होगा कि ये विदेश यात्राएं राज्य के विकास में कितना योगदान देती हैं या केवल राजनीतिक विवाद बनकर रह जाती हैं।

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