हल्द्वानी। महिला डॉक्टर समेत कई पुलिसकर्मी डेंगू संक्रमित – त्योहारों की भीड़ ने बढ़ाया डेंगू का खतरा, अगले 15 दिन खतरनाक – रामनगर के कई पुलिसकर्मियों में भी हुई डेंगू की पुष्टि।
एसटीएच में इस सीजन डॉक्टर समेत 25 मरीज मिले संक्रमित अंक प्वाइंटर : – 15 दिनों के भीतर और बढ़ सकता है डेंगू का खतरा – 20 से 45 वर्ष उम्र के लोग सबसे अधिक प्रभावित।
दीपावली, भैय्यादूज के बाद बाहरी राज्यों से भारी भीड़ और सफाई में ढिलाई ने डेंगू का खतरा कई गुना बढ़ा दिया है। रामनगर में दरोगा समेत कई पुलिसकर्मी डेंगू की चपेट में आ गए हैं।
सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में अब तक 25 मरीज संक्रमित सामने आ चुके हैं, जिनमें एक महिला डॉक्टर भी शामिल है। डॉक्टरों ने अगले 15-20 दिन संक्रमण के लिहाज से सबसे जोखिम भरे बताए हैं। 20-45 वर्ष आयु वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित दिख रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है। एसटीएच डेंगू नोडल डा. परमजीत सिंह ने बताया कि इस सीजन में 25 मरीजों में से 15 की एलाइजा रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जबकि दस मरीजों के कार्ड टेस्ट में डेंगु पॉजिटिव मिला।
अधिकांश केस बाहर से लौटे लोगों से जुड़े हैं। दो दिन पूर्व डिस्चार्ज हुई एक महिला डॉक्टर की हिस्ट्री से पता चला कि वह फरीदाबाद से पीजी कर रही हैं और हॉस्टल में साथी संक्रमितों से खतरा पहुंचा।
रामनगर कोतवाल सुशील कुमार ने बताया कि थाने के कुछ पुलिसकर्मी डेंगू संक्रमित हुए हैं, जिनकी सटीक संख्या जुटाई जा रही है। वरिष्ठ फिजीशियन डा. नीलांबर भट्ट और डा. एसआर सक्सेना ने बताया कि कार्ड टेस्क में कुछ मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।
अधिकांश मामलों की केस हिस्ट्री देखने पर पता चलता है कि संक्रमित मरीज किसी अन्य राज्य से ट्रेवल करके पहुंचा है। चिकित्सकों ने माना कि त्योहारों के दौरान बड़े पैमाने पर आवाजाही से डेंगू चेन के एक्टिव होने का खतरा बढ़ जाता है।
बाहर से पहुंचे लोगों से संक्रमण का दबाव बेस अस्पताल पीएमएस डा. केएस दत्ताल के अनुसार त्योहारों में बाहरी राज्यों से आए पर्यटक, कारोबारी और रिश्तेदार संक्रमण को यहां तक लेकर आए।
स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों से दैनिक रिपोर्टिंग मांगी है और घर,कार्यालय, कूलर, गमलों में पानी जमा नहीं रहने देने की एडवाइजरी लागू की है। बेस अस्पताल में कुछ संदिग्ध मरीजों के प्लेटलेट्स गिरे मिले पर एलाइजा में डेंगू पुष्टि नहीं हुई।
अगले 15 दिन क्यों सबसे अहम डॉ. परमजीत सिंह के मुताबिक संक्रमित मादा एडीज़ मच्छर 200-300 मीटर तक उड़ान दायरे में वायरस फैला सकती है।
एक बार संक्रमित होने के बाद यह 15-30 दिन तक संक्रमण बांटती रहती है। डेंगू की ट्रांसमिशन चेन (संक्रमित व्यक्ति से मच्छर और नया व्यक्ति) को सक्रिय होने में औसतन 12 से 15 दिन लगते हैं।
त्योहारों में बाहर से आए संभावित संक्रमित लोगों के लौटते ही यह चेन तेज होती है, इसलिए त्योहार के बाद के 15 दिन सबसे जोखिम भरे माने जाते हैं।
बचाव ही इलाज – याद रखें ये 8 जरूरी नियम
1. आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर, गमले, छत की टंकी, टायर, बाल्टी खाली व सूखी रखें।
2. टंकियों के ढक्कन ठीक रखें। टूटा ढक्कन बदलें, लार्वा पनपने न दें।
3. सुबह-शाम फुल बाजू कपड़े और जूते-मोज़े पहनें।
4. दरवाजे-खिड़की में जाली लगाएं। संक्रमित मरीज के कमरे में भी मच्छरदानी जरूर लगाएँ।
5. सेल्फ ट्रीटमेंट जैसे पपीता पत्ता/घरेलू नुस्खों पर भरोसा न करें, डॉक्टर की सलाह लें।
6. प्लेटलेट्स गिरना हमेशा खतरान नहीं। गाइडलाइन के मुताबिक इलाज जारी रखें।
7. बुज़ुर्ग-बच्चों और पहले से डेंगू झेल चुके मरीजों पर खास निगरानी रखें।
8. तेज़ बुखार, आंख/जोड़ दर्द, लाल दाने, कमजोरी पर तुरंत जांच कराएं।
9- मच्छर भगाने वाली क्रीम या लोशन का प्रयोग किया जा सकता है।












